scorecardresearch

स्कूलों को लौटानी होगी कोरोना काल में वसूली गई फीस का 15 फीसदी, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

कोरोना काल में स्कूलों की वसूली गई फीस के खिलाफ अभिभावकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ी जीत मिली है. हाईकोर्ट ने 15 फीसदी फीस लौटाने का फैसला सुनाया है. मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और जे जे मुनीर ने फैसला सुनाया है.

कोरोना काल में स्कूल फीस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला कोरोना काल में स्कूल फीस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
हाइलाइट्स
  • कोरोना काल में स्कूल फीस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

  • स्कूलों को लौटानी होगी वसूली गई फीस का 15 फीसदी हिस्सा- कोर्ट

कोरोना काल में बच्चों का स्कूल फीस भरने वाले अभिभावकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ी जीत मिली है. हाईकोर्ट ने अभिभावकों के पक्ष में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कोरोना काल में ली गई फीस का 15 फीसदी माफ करने का फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि साल 2020-21 में राज्य के सभी स्कूलों में ली गई कुल फीस का 15 फीसदी माफ किया जाएगा.

फीस माफ करने की लगाई गई थी याचिका-
बच्चों के अभिभावकों ने कोर्ट में फीस माफ करने की याचिका लगाई थी. अदालत में याचिकाकर्ता अभिभावकों की तरफ से पक्ष रखते हुए जोर दिया गया था कि निजी स्कूलों में साल 2020-21 में ऑनलाइन ट्यूशन को छोड़कर कोई भी सेवा नहीं दी गई. इस प्रकार निजी स्कूलों का ट्यूशन फीस से एक भी रुपया ज्यादा लेना मुनाफाखोरी और शिक्षा के व्यवसायीकरण के अलावा कुछ भी नहीं है. याचिकाकर्ताओं ने अपने तर्कों के समर्थन में सर्वोच्च न्यायालय के इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम स्टेट ऑफ राजस्थान के हाल ही में दिए हुए फैसले का भी हवाला दिया है. इसमें कहा है कि निजी स्कूलों का बिना कोई सेवा दिए फीस की मांग करना, मुनाफाखोरी व शिक्षा का व्यवसायीकरण ही है.

अगले सेशन में एडजस्ट होगी फीस- कोर्ट
हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी स्कूलों को साल 2020-21 में ली गई कुल फीस का 15% जोड़कर आगे के सेशन में एडजस्ट करना होगा. साथ ही साथ जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, स्कूलों को उन्हें साल 2020-21 में वसूले गए शुल्क का 15% मूल्य जोड़कर वापस लौटना होगा. इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए हाईकोर्ट ने सभी स्कूलों को 2 महीने का समय दिया है. सभी याचिकाओं की सुनवाई 6 जनवरी को हुई थी.

ये भी पढ़ें: