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दिल्ली वालों को प्रदूषण से मिलेगी थोड़ी राहत, लगाई गईं ऑटोमैटिक मिस्टिंग मशीनें

ये मशीनें प्रदूषण कम करने में एक प्रभावी कदम साबित होंगी. यदि यह तकनीक सफल रहती है, तो शहर के अन्य व्यस्त इलाकों और ऐसे स्थानों पर भी इसे लगाया जाएगा, जहां प्रदूषण का स्तर गंभीर रहता है.

Automatic Misting Machines Automatic Misting Machines
हाइलाइट्स
  • ऐसे काम करती है ऑटोमैटिक मिस्टिंग मशीन

  • ITO में इंस्टॉल की गई हैं मिस्टिंग मशीनें

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन लगातार नए उपाय लागू कर रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली की सीएएम रेखा गुप्ता ने आईटीओ चौक पर लगाई गई नई ऑटोमैटिक मिस्टिंग मशीनों का निरीक्षण किया.

ये मशीनें प्रदूषण कम करने में एक प्रभावी कदम साबित होंगी. यदि यह तकनीक सफल रहती है, तो शहर के अन्य व्यस्त इलाकों और ऐसे स्थानों पर भी इसे लगाया जाएगा, जहां प्रदूषण का स्तर गंभीर रहता है.

ऐसे काम करती है ऑटोमैटिक मिस्टिंग मशीन
इन ऑटोमैटिक मिस्टिंग मशीनों की खासियत यह है कि इन्हें आरओ पानी से चलाया जाता है. बेहद कम मात्रा में पानी का उपयोग करते हुए ये मशीनें हजारों गैलन पानी के छिड़काव जितना प्रभाव दे सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि हवा में मौजूद धूल के कणों को यह मिस्ट तुरंत नीचे बैठा देती है, जिससे पीएम-10 और पीएम-2.5 जैसे खतरनाक कणों की मात्रा कम होती है.

ITO में इंस्टॉल की गई हैं मिस्टिंग मशीनें
फिलहाल ITO इलाके के नौ स्ट्रीट लाइट खंभों पर इन मिस्टिंग यूनिट्स को इंस्टॉल किया गया है. इससे पहले ऐसा ही प्रयोग एनडीएमसी क्षेत्र में किया गया था, जो काफी सफल माना गया है. अब इसे दिल्ली के अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में बढ़ाया जा रहा है.

दिल्ली वालों को प्रदूषण से मिलेगी थोड़ी राहत
स्थानीय नागरिकों ने भी इस कदम का स्वागत किया है. उनका कहना है कि लगातार बढ़ते स्मॉग और धूल के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है, लेकिन इस तरह की तकनीक से प्रदूषण में कुछ कमी आने की उम्मीद है. प्रशासन के अनुसार आने वाले दिनों में मशीनों के प्रभाव का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाएगा, जिसके बाद इनके विस्तार पर निर्णय लिया जाएगा. दिल्ली की एयर क्वालिटी अभी भी 'बहुत खराब' कैटेगरी में है.

इनपुट- सुशांत मेहरा