
उत्तर प्रदेश के बागपत का नीरज जोमैटो में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है. लेकिन एक दिन उसने एक जिंदगी बचा ली. उसने एक पिता के अत्याचारों से पीड़ित बच्चे को अपने घर में जगह दी. दरअसल नीरज जैमेटो में डिलीवरी का काम करता था. लेकिन एक दिन सड़क पर उसकी मुलाकात एक 6 साल के बच्चे से हुई, जो अपने पिता के अत्याचार से परेशान होकर घर से भाग गया था. उस बच्चे ने आपबीती नीरज को सुनाई तो नीरज का दिल पसीज गया और उसे अपने घर ले गया.
होटल में मिला मासूम-
दरअसल ये कहानी बागपत के नीरज गोस्वामी की है, जो हरिद्वार में Zomato में डिलीवरी ब्वॉय है. नीरज हरिद्वार के रानीपुर में एक होटल पर खाना खा रहा था, तभी एक 6 साल का बच्चा आया. उसने अपना नाम अनीश यादव बताया. होटल वाले ने उसे खाना दिया और बताया कि बच्चा कई दिनों से लावारिस घूम रहा है. जिसके बाद नीरज ने बच्चे से नाम पूछा, तो उसने अपना नाम अनीश यादव बताया.
बच्चे की आपबीती से पसीजा नीरज का दिल-
नीरज ने जब बच्चे से उसके घर के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो प्रयागराज से आया है. उसने बताया कि उसके पिता ट्रेन बैठाकर वापस आने की बात कहकर छोड़कर चले गए. इसके बाद बच्चे ने नीरज के साथ चलने को कहा. नीरज सोच में पड़ गया. वो बच्चे को छोड़ना भी नहीं चाहता था. नीरज ने मासूम को खाना खिलाया.
इसके बाद नीरज ने अपनी पत्नी को फोन किया और सारी बात बताई. इसके बाद नीरज उस बच्चे को लेकर अपने गांव चला आया. नीरज का एक बेटा है, जिसका नाम लखन है. नीरज ने इस लड़के यानी अनीश का नाम राम रख दिया.
पिता से क्यों डरता था 6 साल का मासूम?
जब राम से पूछा गया कि आखिर वो अपने पिता से क्यों डरता है तो उसने जो कहानी बताई, वो दिल दहलाने वाली थी. उसने बताया कि मम्मी तलाक लेकर चली गई. दो बहनें पेट में ही मर गईं. पापा जंजीरों से बांधकर पीटते हैं, कभी मकान से लटका देते हैं, कभी भूखा रख देते हैं, मैं उनके पास नहीं जाना चाहता, जाऊंगा तो मार देंगे, वो इस परिवार में ही रहना चाहता है.
अनाथालय भेजने के सवाल पर क्या बोली नीरज की पत्नी?
जब नीरज की पत्नी पिंकी से पूछा गया कि क्या वे इस बच्चे को अनाथालय भेजेंगे? तो उन्होंने कहा कि जिस तरह मैं लखन को पाल रही हूं, अब राम भी उसी ममता में पलेगा, अनाथालय का सवाल ही नहीं, जब तक ये खुद ना चाहे, इसे कोई नहीं ले जा सकता.
(मनुदेव उपाध्याय की रिपोर्ट)
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