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बेंगलुरु को मिलेगा अपना पहला Double Decker Flyover! शहर में फ्लाईओवर के ऊपर दौड़ेंगी मेट्रो

ऐसा पहली बार होगा जब शहर में किसी फ्लाईओवर के ऊपर मेट्रो लाइन दौड़ रही होगी. एलिवेटेड रोड मौजूदा सड़क लेवल से आठ मीटर ऊपर और मेट्रो लाइन सतह से 16 मीटर ऊपर बनाई जा रही है. जयपुर, नागपुर और मुंबई जैसे शहरों में इस तरह के स्ट्रक्चर पहले से ही उपयोग में हैं.

डबल डेकर फ्लाईओवर (फोटो: इंडिया टुडे) डबल डेकर फ्लाईओवर (फोटो: इंडिया टुडे)
हाइलाइट्स
  • पहली बार होगा जब शहर में किसी फ्लाईओवर के ऊपर मेट्रो लाइन दौड़ रही होगी

  • पहले ये फ्लाईओवर अक्टूबर 2021 में तैयार होने वाला था

बेंगलुरु को पहला डबल डेकर फ्लाईओवर जल्द ही मिलने वाला है. इस जून तक इसके तैयार होने की संभावना है. पहले ये फ्लाईओवर अक्टूबर 2021 में तैयार होने वाला था. बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (BMRCL) के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि रागीगुड्डा और सेंट्रल सिल्क बोर्ड (3.35 किमी) के बीच मारेनहल्ली रोड पर सड़क-कम-रेल फ्लाईओवर का काम प्रगति पर है.

कैसे किया जाएगा दोनों डेक का उपयोग?

फ्लाईओवर के निचले डेक का उपयोग वाहनों द्वारा किया जाएगा. वहीं दूसरे डेक का इस्तेमाल मेट्रो द्वारा किया जाएगा, ये शहर के सबसे बिजी रूट वाले हिस्सों के लिए होगा. बता दें, ये फुली मेट्रो एलिवेटेड आरवी रोड-बोम्मासांद्रा कॉरिडोर (18.8 किमी) का ही हिस्सा है. 

टाइम्स ऑफ इंडिया को बीएमआरसीएल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीएल यशवंत चव्हाण ने बताया कि ये 3.3 किमी रोड-लेवल फ्लाईओवर में से केवल 1 किमी का काम बाकी है. यह जून 2022 तक पूरा हो जाएगा. 

पहले किस रूट को खोला जाएगा?

रिपोर्ट के अनुसार, जब ये पूछा गया कि क्या मेट्रो शुरू होने से पहले रोड फ्लाईओवर खोला जाएगा, तो चव्हाण ने कहा, “ निचले डेक को लूप और रैंप से जोड़ा जाना है जो निर्माणाधीन है. पूरे आरवी रोड-बोम्मासांद्रा मेट्रो कॉरिडोर की समय सीमा दिसंबर 2022 है.

रागीगुड्डा और सीएसबी के बीच का सेक्शन सिग्नल फ्री 

अधिकारियों ने बताया कि रागीगुड्डा और सीएसबी के बीच का सेक्शन सिग्नल फ्री कॉरिडोर होगा. ये स्ट्रक्चर वाहनों की जरूरतों को पूरा करेगा और मेट्रो के चलने से उस सेक्शन पर भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है जहां आम दिनों में काफी ट्रैफिक देख जाता है.

क्या होगी दोनों की खासियत?

दरअसल, ऐसा पहली बार होगा जब शहर में किसी फ्लाईओवर के ऊपर मेट्रो लाइन दौड़ रही होगी. एलिवेटेड रोड मौजूदा सड़क लेवल से आठ मीटर ऊपर और मेट्रो लाइन सतह से 16 मीटर ऊपर बनाई जा रही है. जयपुर, नागपुर और मुंबई जैसे शहरों में इस तरह के स्ट्रक्चर पहले से ही उपयोग में हैं.

2 स्टेशनों को जोड़ने के लिए होगा ट्रैवलेटर

अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल सिल्क बोर्ड को दो मेट्रो स्टेशन मिलेंगे जो एक ट्रैवलर से जुड़े होंगे. “सीएसबी में दो अलग-अलग स्टेशन होंगे. इन दोनों के बीच की दूरी 355 मीटर है और स्टेशनों को ट्रैवलेटर से जोड़ने की योजना है. दो मेट्रो लाइनें; आरवीआर रोड-बोम्मासांद्रा और सेंट्रल सिल्क बोर्ड-केआर पुरम सीएसबी जंक्शन पर क्रॉस करेंगी. 

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