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PM Modi पर BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर JNU में बवाल...छात्रों ने लगाया पत्थरबाजी और जानबूझकर लाइट और इंटरनेट बंद करने का आरोप

JNU यूनिवर्सिटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी गई थी जब अचानकर वहां पर बवाल छिड़ गया. वामपंथी छात्रों ने एबीवीपी के छात्रों पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया.

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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक बार फिर बवाल हुआ है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की विवादास्पद सीरीद की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया. छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जानबूझकर बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काट दिया. इसके बाद जब कुछ छात्रों ने फोन पर डॉक्यूमेंट्री देखने की कोशिश की तो उन पर पत्थर फेंके गए. जबकि प्रशासन का कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण बिजली सप्लाई बाधित हुई, जिसे ठीक किया जा रहा है.

1. वामपंथी समर्थकों ने दो छात्रों को पकड़ा है. उनका दावा है कि वे पत्थर फेंक रहे थे. उन्होंने कहा कि दोनों बीजेपी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा एबीवीपी से हैं. छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, "एबीवीपी के छात्रों ने हम पर पथराव किया."

2. उन्होंने कहा, "छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम मुख्य द्वार की ओर आ गए हैं. हम बिजली की तत्काल बहाली चाहते हैं. हम तब तक गेट से नहीं हटेंगे जब तक बिजली बहाल नहीं हो जाती. पुलिस हमारी कॉल का जवाब नहीं दे रही है."

3. वाम समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया कि ब्लैकआउट के लिए प्रशासन जिम्मेदार है. अतिशी ने कहा कि हम क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हुए मोबाइल फोन की मदद से डॉक्यूमेंट्री देखेंगे. 

4. जेएनयू प्रशासन ने स्क्रीनिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसे भारत ने ऑनलाइन शेयर करने से रोक दिया है. प्रशासन ने कहा कि अगर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

5. ब्लैकआउट के बाद, छात्र कैंपस के अंदर एक कैफेटेरिया की ओर बढ़े, जहां उन्होंने अपने सेलफोन और लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी. सूत्रों ने कहा कि जब वे डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब झाड़ियों के पीछे से उन पर कुछ पत्थर फेंके गए.

6. देर रात छात्रों ने थाने की ओर मार्च किया और वहां विरोध प्रदर्शन किया. बाद में पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन देने के बाद धरना समाप्त कर दिया. एएनआई के अनुसार, सुश्री घोष ने कहा, "हमने शिकायत दर्ज की और पुलिस ने हमें आश्वासन दिया कि वे तुरंत इस घटना को देखेंगे. हमने इसमें शामिल सभी लोगों के नाम और विवरण दिए हैं."

7. इससे पहले दिन में, हैदराबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई.  विवि प्रशासन ने इस मामले में अपने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है.

8. पिछले हफ्ते, सूत्रों ने कहा कि सरकार ने ट्विटर और यूट्यूब से पीएम मोदी पर विवादास्पद बीबीसी सीरीज को हटाने के लिए कहा था, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों के कुछ पहलुओं की जांच करने का दावा किया गया था जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे.

9. भारत सरकार ने BBC की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हम नहीं जानते कि डॉक्‍यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्‍प्रचार है.

10. सेंसरशिप पर सरकार की आलोचना करते हुए, कई विपक्षी नेताओं ने वैकल्पिक लिंक ट्वीट किए थे जहां सीरीज के पहले दो भाग देख सकते हैं.वहीं, ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने भी इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया है.