
राजस्थान के भरतपुर में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति अपनी पत्नी की शिकयत करने के लिए जिला कलेक्टर के पास पहुंचा. पति का आरोप है कि उसने मजदूरी करके अपनी पत्नी को पढ़ाया, बीएसटीसी कराई और सरकारी स्कूल शिक्षक परीक्षा की तैयारी कराई. पति का आरोप है कि जब पत्नी की सरकारी स्कूल शिक्षक की नौकरी लग गई तो उसने पति के साथ रहने से इंकार कर दिया. अब पीड़ित पति जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है.
4 साल पहले हुई थी शादी-
दरअसल भुसावर तहसील के गाँव सलेमपुर खुर्द के रहने वाले पति अनूप कुमार का कहना है कि उसकी शादी 14 नवंबर 2021 में पास के ही गाँव नगला हवेली निवासी युवती पंकज कुमारी के साथ हुई थी. ससुराल आने के बाद दुल्हन पढ़कर सरकारी नौकरी लगना चाहती थी. जिसके सपने को पूरा करने के लिए पति अनूप कुमार ने दिन रात मजदूरी कर अपनी पत्नी को खूब पढ़ाया. लेकिन सरकारी नौकरी लगने के बाद पत्नी ने अब पति के साथ रहने से इंकार कर दिया, क्योंकि अब वह सरकारी नौकरी लग गई है और पति बेरोजगार है.
पत्नी को पढ़ाने के लिए की मेहनत- पति
पीड़ित पति अनूप कुमार ने कहा कि शादी के बाद मजदूरी कर मैंने अपनी पत्नी पंकज कुमारी को पढ़ाया लिखाया, जिससे उसका सरकारी नौकरी लगने का सपना पूरा हो सके और घर की आर्थिक हालत सही हो सके. शहर में किराये के कमरे में रखकर उसको कम्पटीशन की तैयारी के लिए कोचिंग कराया. खाने पीने के साथ पढ़ाई लिखाई के सभी खर्चे उठाए. उसने बीएसटीसी 2021 में की और राज्य सरकार द्वारा जारी प्रथम लेवल 2023 की शिक्षक परीक्षा में सफल होकर सरकारी स्कूल शिक्षक बन गई. लेकिन नौकरी लगने के बाद उसने मेरे साथ रहने से इंकार कर दिया है.
नौकरी लगते ही बदल गई पत्नी- ससुराल
सरकारी नौकरी लगने के तुरंत बाद ही पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगा था. आये दिन सास ससुर के साथ लड़ाई झगड़ा करने लगी और इसी दौरान विगत मई 2025 को पत्नी ने पति के साथ रहने से इंकार कर दिया.
पीड़ित ससुर मोती लाल ने बताया कि मेरे पुत्र ने मजदूरी करके अपनी पत्नी को पढ़ा लिखाकर सरकारी नौकरी लगाया. लेकिन अब पत्नी ने साथ रहने से इंकार कर दिया है. उसकी पढ़ाई के लिए मैंने अपनी फसल बेचकर भी रूपये दिए.
(सुरेश कुमार की रिपोर्ट)
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