
भारत ने एक ऐसे काउंटर ड्रोन सिस्टम का सफल परीक्षण किया है, जो हमला होने पर चीन, पाकिस्तान हो या तुर्की सबके ड्रोन को चुन-चुनकर मारेगा. जी हां, इसी स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम का नाम भार्गवास्त्र है. भारतीय डिफेंस कंपनी सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने ओडिशा के गोपालपुर में भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण किया गया.
आपको मालूम हो कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को सफल अंजाम देकर पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर चीन की मिसाइल और तुर्की के ड्रोन से हमले किए थे. भारतीय सेना ने बताया था कि पाकिस्तान की ओर से करीब 400 ड्रोन से पश्चिमी सीमा पर हमले किए गए थे. इन सभी हमलों को भारत ने नाकाम कर दिया था. अब भारत ने भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण किया है, जो एक साथ मल्टीपल ड्रोन पर प्रहार करने में सक्षम है. भारत का भार्गवास्त्र ड्रोन झुंडों को 6 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी पर ही पता लगा सकता है और उसके हमले को बेअसर कर सकता है.
कैसे पड़ा भार्गवास्त्र नाम
एंटी ड्रोन सिस्टम भार्गवास्त्र का नाम भगवान परशुराम के अस्त्र से लिया गया है. परशुराम जी के अस्त्र का नाम भार्गव था. यह बेहद शक्तिशाली हथियार था. भार्गवास्त्र की मारक क्षमता को देख इसका नाम भगवान परशुराम के अस्त्र भार्गव पर रखा गया है. यह भविष्य के युद्ध में बेहद उपयोगी साबित होगा. एंटी ड्रोन सिस्टम भार्गवास्त्र में एक साथ 64 से अधिक माइक्रो-मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता है. इसे एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लगाया गया है. इसे समुद्र तल से पांच हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों के साथ-साथ अलग-अलग इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है.
भार्गवास्त्र की खासियत
1. SDAL ने हार्ड किल मोड में कम लागता वाला एंटी ड्रोन सिस्टम भार्गवास्त्र को डिजाइन और विकसित किया है.
2. भार्गवास्त्र एक माइक्रो-मिसाइल आधारित डिफेंस सिस्टम है. इसे ड्रोन हमलों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है.
3. भार्गवास्त्र ड्रोन के झुंडों को 6 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी पर पता लगा सकता और उसके हमले को बेअसर कर सकता है.
4. भार्गवास्त्र 2.5 किमी तक की दूरी पर आने वाले छोटे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें खत्म करने की क्षमता से लैस है.
5. भार्गवास्त्र एक मल्टी लेयर काउंडर ड्रोन सिस्टम है.
6. इसमें रक्षा की पहली लेयर के तौर पर बिना निर्देशित माइक्रो रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है.
7. यह 20 मीटर की घातक त्रिज्या वाले ड्रोन के झुंड को अपने प्रहार से बेअसर कर सकता है.
8. भार्गवास्त्र अनमैन्ड एरियल व्हिकल के खतरों का बखूबी मुकाबला कर सकता है.
9. भार्गवास्त्र को 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ अलग-अलग इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है.
10. भार्गवास्त्र उन्नत C4I (कमांड, कंट्रोल, कम्यूनिकेशंस, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) की खासियत से युक्त एक परिष्कृत कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर से लैस है.
11. भार्गवास्त्र का रडार 6 से 10 किमी दूर के हवाई खतरों का मिनट भर में पता लगा सकता है और चंद सेकेंड्स में बेअसर कर सकता है.
12. भार्गवास्त्र का इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर सूट आगे लो रडार क्रॉस-सेक्शन (एलआरसीएस) लक्ष्यों की सटीक पहचान सुनिश्चित करता है.
भार्गवास्त्र के तीन घातक हथियार
1. अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स: पहली लेयर के रूप में ड्रोन झुंड को नष्ट करने के लिए.
2. गाइडेड माइक्रो-मिसाइल: दूसरी लेयर के रूप में दुश्मन ड्रोन पर सटीक हमले के लिए.
3. सॉफ्ट-किल लेवर: जैमिंग और स्पूफिंग, ड्रोन नष्ट किए बिना निष्क्रिय कर सकती है.