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प्लेन हादसों का सबसे बड़ा कारण: हवा में ले जाकर अधिकतर पायलट लेते हैं झपकी

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक 66% पायलट प्लेन को हवा में ले जाने के बाद सो जाते हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण थकान है. कई बार सही नींद न लेने की वजह से, काम के दबाव की वजह से या फिर सुबह-सुबह के डिपार्चर की वजह से उन्हें नींद आने लगती है.

प्लेन दुर्घटना प्लेन दुर्घटना
हाइलाइट्स
  • 66% पायलट करते हैं नींद का अनुभव

  • नींद की कमी के कारण होती है थकान

अक्सर काम के वक्त आपको भी झपकी आ ही जाती होगी. या कई बार आपको काफी नींद जैसा या थका महसूस होता है. हालांकि इसकी कई वजहें हो सकती हैं, जैसे रात में ढंग से नींद न लेना या किसी कारणवश थकावट आदि. लेकिन क्या हो जब आपकी झपकी किसी के लिए जान का खतरा बन जाए. अगर एयरप्लेन के पायलेट्स को झपकी आ जाए, तो ये पैसेंजर के लिए जान का खतरा बन सकता है. हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार 66% पायलट कॉकपिट में छोटी नींद या झपकी ले लेते हैं. दरअसल हाल ही में "दिन की नींद" को ट्रिगर करने वाली थकान पर एक सर्वेक्षण हुआ, जिसमें भाग लेने वाले पायलटों ने ये स्वीकार किया की वो बिना अपने साथी पायलट को बताए प्लेन में नींद की झपकी मार लेते हैं. 

66% पायलट करते हैं नींद का अनुभव
इस सर्वेक्षण में क्षेत्रीय, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय परिचालन में लगे पायलटों को शामिल किया गया और एपवर्थ स्लीपनेस स्केल पर उनके थकान के स्तर को मापा गया. एनजीओ सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है, "उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर, यह पाया गया कि लगभग 54% पायलट दिन में अत्यधिक नींद से पीड़ित हैं, जबकि 41% मध्यम दिन की नींद से पीड़ित हैं." यह साबित करता है कि क्यों 66% पायलट प्लेन में नींद का अनुभव करते हैं या अनजाने में कॉकपिट में सो जाते हैं.

नींद की कमी के कारण होती है थकान
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) थकान को कम मानसिक या शारीरिक प्रदर्शन क्षमता की शारीरिक स्थिति के रूप में परिभाषित करता है. जिसका कारण नींद की कमी, ज्यादा जगना, ज्यादा काम होना है. जिसके परिणामस्वरूप पायलट को सुरक्षित रूप से संचालित करने में परेशानी होती है. 

प्लेन दुर्घटनाओं में थकान है बड़ा कारण
प्लेन दुर्घटनाओं में थकान एक ज्ञात कारण है. यहां तक की 2010 के मैंगलोर एक्सीडेंट, जिसमें 158 लोगों की जान गई थी, उसमें भी थकान ही एक बड़ा कारण था. अधूरी नींद के कारण सही निर्णय न ले पाने को दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण माना जाता है. कॉकपीट के वॉयस रिकॉर्डर से भी यही संकेत मिला है कि कैप्टन 2 घंटे और 5 मिनट की उड़ान के 1 घंटे 40 मिनट के लिए सो रहा था. 

सुबह का डिपार्चर है सबसे थकाने वाला
पायलटों ने एक के बाद एक सुबह के डिपार्चर को थकान का प्रमुख कारण बताया. एनजीओ के संस्थापक, कैप्टन अमित सिंह ने कहा: "सर्वेक्षण ने पायलट से एक सवाल पूछा कि अगर उन्हें सुबह 6 बजे उड़ान प्रस्थान के लिए रिपोर्ट करना होगा तो वे किस समय उठेंगे. अधिकांश क्रू ने जवाब दिया कि वे 3 बजे से 3:30 बजे के बीच उठेंगे. इससे यह साफ होता है कि उनके शरीर की क्लॉक आराम की सबसे महत्वपूर्ण अवधि में बाधित होती है.