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Bihar Chunav 2025: 6 चुनाव... 9 बार नीतीश कुमार बने सीएम... अब 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने की तैयारी... जानें किस बिहार विधानसभा चुनाव में कैसे रहे नतीजे?

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर वोटिंग संपन्न हो चुकी है. एग्जिट पोल्स के नतीजों में फिर एनडीए की सरकार बन रही है. 14 नवंबर 2025 को चुनाव परिणामों की घोषणा के साथ यह तय हो जाएगा कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी और कौन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा? बिहार में पिछले छह चुनावों की बात करें तो नतीजे किसी भी पार्टी के पक्ष में गए हों, लेकिन सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथों में ही रही है.

Nitish Kumar (File Photo: PTI) Nitish Kumar (File Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • यदि एनडीए को जीत मिलती है तो नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम पद की लेंगे शपथ

  • एग्जिट पोल्स के नतीजों में एनडीए को मिल रही बड़ी जीत

बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) की कुल 243 सीटों पर दो चरणों में चुनाव संपन्न हो चुका है. दूसरे अंतिम चरण की मंगलवार शाम को वोटिंग पूरी होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे सामने आ चुके हैं. अधिकांश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बंपर जीत मिलती दिख रही है. ऐसे में फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार बनने जा रही है.

महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को अभी सीएम बनने के लिए और इंतजार करना होगा. बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों पर जीत जरूरी है. 14 नवंबर 2025 को चुनाव परिणामों की घोषणा के साथ यह तय हो जाएगा कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी और कौन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा? बिहार में पिछले छह चुनावों की बात करें तो नतीजे किसी भी पार्टी के पक्ष में गए हों, लेकिन सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथों में ही रही है. आइए जानते हैं किस विधानसभा चुनाव में कैसे रहे नतीजे और कब-कब नीतीश कुमार ने सीएम पद की ली शपथ?

जब नीतीश कुमार को सिर्फ सात दिनों में देना पड़ा था इस्तीफा
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संस्थापक नीतीश कुमार साल 2000 में पहली बार बिहार के सीएम बने थे. हालांकि बहुमत जुटा नहीं पाने के कारण उन्हें सिर्फ सात दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था. इसके बाद लालू यादव की सरपरस्ती में राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार बनाई और राबड़ी देवी को फिर मुख्यमंत्री बनाया गया.

फरवरी 2000 में किसी पार्टी को नहीं मिली बहुमत
साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड नया राज्य बना था. बिहार विभाजन के बाद फरवरी 2005 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ था. इस चुनाव में कई भी दल बहुमत का आंकड़ा 122 को छू नहीं सका था. इस चुनाव से पहले राजद को 75 सीटों पर जीत मिली थी. नीतीश कुमार की पार्टी JDU को 55 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 37 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस 10 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल हुई थी. राम विलास पासवान की लोजपा को 29 सीटों पर विजय मिली थी. एनडीए को सबसे अधिक सीटें मिली थीं लेकिन बहुमत से कम थी. ऐसे में रामविलास पासवान की लोजपा किंगमेकर बन गई. यानी लोजपा के समर्थन से ही सरकार बन सकती थी. कई हफ्ते तक जोड़ तोड़ की कोशिश होती रही, लेकिन कोई दल या गठबंधन बहुमत के आंकड़े को नहीं जुटा सका. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.

बिहार विधानसभा चुनाव फरवरी 2005 के नतीजे
1. आरजेडी (RJD): 75
2. जेडीयू (JDU): 55
3. भाजपा (BJP): 37
4. लोजपा (LJP): 29
5. निर्दलीय (IND): 17
6. अन्य (Others): 30

अक्टूब 2005 में एनडीए को स्पष्ट बहुमत
बिहार में राष्ट्रपति शासन के बाद अक्टूबर 2025 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला. जदयू को सबसे अधिक 88 सीटों पर जीत मिली. एनडीए गठबंधन में शामिल बीजेपी को 55 सीटों पर जीत मिली थी. राजद को 54 सीटों पर और कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली थी. लोजपा को 10 सीटें पर जीत मिली थी. इस जीत के बाद बीजेपी और जदयू ने मिलकर सरकार बनाई थी. दोनों दोलों को कुल 143 सीटें मिली थीं.

अक्टूबर 2005 के नतीजे
1. जदयू: 88
2. भाजपा: 55
3. राजद: 54
4. लोजपा: 10
5. निर्दलीय: 10
6. अन्य: 26

2010 में एनडीए गठबंधन को मिली 206 सीटों पर जीत
बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में एनडीए को प्रचंड जीत मिली. इस चुनाव में जदयू ने 141 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 115 सीटों पर जीत मिली थी. भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे 91 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह से एनडीए गठबंधन ने 206 सीटों पर जीत मिली थी. राजद और लोजपा इस चुनाव में साथ लड़े थे. राजद को 22 सीटों पर और लोजपा को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद नीतीश कुमार फिर सीएम बने. वह चार सालों तक सीएम रहे लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 के समय बिहार में बड़े सियासी बदलाव हुए. प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा ने नरेंद्र मोदी का नाम सामने रखा. इससे नीतीश नाराज हो गए और एनडीए से रिश्ता तोड़कर राजद और कांग्रेस के समर्थन से सत्ता में बने रहे. हालांकि, 2014 का लोकसभा चुनाव नीतीश ने इन दलों से भी अलग लड़ा. राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 38 सीटों पर जदयू ने उम्मीदवार उतारे लेकिन पार्टी को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली. नीतीश कुमार ने इस खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी. जीतन राम मांझी को बिहार का नया मुख्यमंत्री बनाया गया. मांझी के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश और मांझी के रिश्ते बिगड़ने ल

बिहार विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
1. जदयू: 115
2. बीजेपी: 91
3. आरजेडी:22
4. कांग्रेस: 4
5. निर्दलीय: 6
6. अन्य:5

बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में लालू-नीतीश आए साथ
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में दो दशक के बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार साथ चुनाव लड़े. जदयू, राजद और कांग्रेस ने मिलकर महागठबंधन बनाया. इस चुनाव में महागठबंधन को बड़ी जीत मिली. राजद को कुल 80 सीटों पर जीत मिली. जदयू को 71 सीटों पर विजय मिली. कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली. इस तरह से महागठबंधन को कुल 178 सीटों पर जीत मिली. एनडीए की बात करें तो बीजेपी को 53 सीटों पर जीत मिली. एनडीए में शामिल लोजपा को 2, रालोसपा को 2 और हम को 1 सीट पर जीत मिली. इस तरह एनडीए को सिर्फ 58 सीटों पर जीत मिली. सीएम के रूप में नीतीश कुमार ने शपथ ली. हालांकि शपथ लेने के 20 महीने बाद ही लालू परिवार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण नीतीश कुमार ने 2017 में महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए से जुड़ गए. नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ सरकार बनाकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
1. राजद: 80
2. जदयू: 71
3. भाजपा: 53
4. कांग्रेस: 27
5. निर्दलीय: 4
6. अन्य: 8

2020 में नीतीश कुमार ने फिर बदल लिया था पाला
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 आरजेडी 75 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. राजद को 23.11 फीसदी वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रही बीजेपी को 19.46 वोट प्रतिशत के साथ 74 सीटों पर जीत मिली थी. जदयू को 15.39 वोट शेयर के साथ 43 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस को 9.48 वोट प्रतिशत के साथ 19 सीटों पर जीत मिली थी. महागबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस और वाम दलों को मिलाकर कुल 110 सीटों पर विजय मिली थी. 125 सीटें जीतकर एनडीए की एक बार फिर सरकार बनी थी. भाजपा से कम सीटें जीतने के बाद भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने थे. भाजपा के कई नेता 2022 के आते-आते नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिए, इससे नीतीश कुमार को लगा कि भाजपा जदयू को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. आरसीपी सिंह जो जदयू के वरिष्ट नेता थे, उन्हें भाजपा ने नीतीश के न चाहते हुए भी केंद्र में मंत्री बना दिया. जदयू ने आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया. जदयू को लगने लगा बीजेपी जदयू को तोड़ने की कोशिश कर रही है. ऐसे में नीतीश ने एक बार फिर पाला बदला और 2022 में महगठबंधन के साथ आ गए. नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर फिर से शप

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे
1. राजद: 75
2. भाजपा: 74
3. जदयू: 43
4. कांग्रेस: 19
5. भाकपा (माले): 12
6. निर्दलीय: 1
7. अन्य: 19

नीतीश कुमार कब-कब रहे बिहार के सीएम
नीतीश कुमार सबसे पहले बिहार के सीएम साल 2000 में सिर्फ सात दिनों के लिए बने थे. इसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. फिर नीतीश कुमार नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम बने. इसके बाद 2010 में तीसरी बार, 2015 में चौथी बार सीएम बने थे. विधानसभा चुनाव 2015 के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि जुलाई 2017 में नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और फिर बीजेपी के समर्थन से अगले ही दिन छठवीं बार सीएम बन गए थे. नीतीश कुमार साल 2020 में सातवीं बार सीएम बने. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर इस्तीफा दिया और फिर RJD के साथ गठबंधन करके 8वीं बार सीएम बने थे. जनवरी 2024 में फिर नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी के समर्थन से 9वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं. यदि विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को बहुमत मिलती है तो नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के सीएम बन सकते हैं.