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Bihar के CM Nitish Kumar और RJD के State President Jagdanand Singh की दोस्ती की कहानी जानिए

Bihar में RJD की सियासत के लिए Jagdanand Singh काफी अहम किरदार हैं. लेकिन इन दिनों काफी नाराज चल रहे हैं. फिलहाल Jagdanand Singh के बेटे Sudhakar Singh Nitish Cabinet से बाहर हैं. जिसके बाद जगदानंद सिंह के इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं. हालांकि Lalu Prasad Yadav ने उनको मिलने के लिए दिल्ली बुलाया है.

जगदानंद सिंह और नीतीश कुमार जगदानंद सिंह और नीतीश कुमार
हाइलाइट्स
  • कभी जगदानंद सिंह और नीतीश कुमार की थी गहरी दोस्ती

  • 1985 में पहली बार जगदानंद सिंह और नीतीश कुमार पहुंचे थे विधानसभा

बिहार में आरजेडी-जेडीयू सरकार के बनने के बाद से जगदानंद सिंह की फैमिली सुर्खियों में है. पहले सुधाकर सिंह को नीतीश कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी दी गई. उसके बाद जगदानंद सिंह को दोबारा आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. हालांकि सुधाकर सिंह की बयानबाजी की बदौलत नीतीश सरकार असहज हो रही थी. इसके बाद परिस्थितियां ऐसी बनी कि सुधाकर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा. बताया ये भी जा रहा है कि जगदानंद सिंह इससे नाराज हैं और इसकी असली वजह नीतीश कुमार को माना जा रहा है. वैसे ये भी कहा जाता रहा है कि जब पहली बार साल 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी थी तो जगदानंद सिंह और नीतीश कुमार के संबंध बहुत अच्छे नहीं थे. हालांकि हमेशा से इन दोनों नेताओं के संबंध खराब नहीं थे. कभी जगदानंद सिंह और नीतीश कुमार दोनों लालू यादव के दो हाथ थे. दोनों दिग्गजों ने मिलकर लालू यादव को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी तक पहुंचाया था.

नीतीश की बहन की शादी में जगदानंद ने की थी अगुवाई-
भले ही इस वक्त बिहार की सियासत में नीतीश सरकार और जगदानंद सिंह में अनबन की खबरें आ रही हैं. लेकिन कभी दोनों की दोस्ती एक मिसाल थी. सियासत में नीतीश कुमार और जगदानंद सिंह का रिश्ता काफी पुराना है. दोनों नेताओं में गहरी दोस्ती थी. जब नीतीश कुमार की बहन की शादी हुई थी तो उसकी अगुवाई जगदानंद सिंह ने की थी.

साथ शुरू की थी सदन की सियासत-
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने साथ में सियासत शुरू की थी. साल 1985 में दोनों नेता पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. दोनों नेताओं का सरकारी आवास भी आसपास ही था. जगदानंद और नीतीश दोनों की लालू यादव से गहरी दोस्ती थी. दोनों ने मिलकर लालू यादव के लिए अभियान चलाया था. हालांकि दोनों की दोस्ती में दूरियां तक बढ़ गई, जब नीतीश कुमार ने समता पार्टी बनाई.

जगदानंद और नीतीश बन गए सियासी दुश्मन-
नीतीश कुमार ने समता पार्टी बनाकर अपनी सियासत अलग कर ली. इसके बाद भी जगदानंद सिंह लालू यादव के साथ खड़े रहे. धीरे-धीरे नीतीश कुमार और जगदानंद सिंह के बीच दूरियां बढ़ती गई. एक वक्त ऐसा भी आया, जब नीतीश कुमार ने जगदा बाबू के खिलाफ सबसे बड़ा दांव खेला. नीतीश ने जगदानंद और आरजेडी के खिलाफ उनके ही बेटे को बीजेपी से टिकट दिलवाकर मैदान में उतार दिया. हालांकि जगदानंद ने अपने बेटे के खिलाफ आरजेडी के लिए प्रचार किया और पार्टी को जीत दिलाई.

बेटे के इस्तीफे से नाराज चल रहे हैं जगदानंद-
समाजवादी राजनीति करने वाले जगदानंद सिंह बेटे सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद से ही नाराज चल रहे हैं. जगदा बाबू पार्टी कार्यालय आना भी बंद कर दिया है. सियासी चर्चा है कि लालू नीतीश की बढ़ती करीबी से जगदानंद सिंह पूरी तरह असहज हैं. वो पहले भी लालू के नीतीश के साथ जाने के पक्षधर नहीं रहे हैं. इससे पूर्व भी जब कभी तेजस्वी और नीतीश के बीच रिश्ते में प्रगाढ़ता आई. जगदानंद सिंह कटु बयान देने से नहीं चूके. वहीं जब-जब तेजस्वी ने नीतीश पर हमला बोला. जगदानंद सिंह खुशी से तेजस्वी के पक्ष में बयान देते रहे. सियासी चर्चा है कि इस्तीफे की चर्चा के बीच लालू यादव ने जगदानंद सिंह को दिल्ली तलब किया है. दोनों नेताओं की दिल्ली में विशेष मुलाकात होनी है. हालांकि जगदानंद अभी तक दिल्ली नहीं जा सके हैं. उनकी ट्रेन छूट गई है. वहीं पार्टी के अंदर चर्चा है कि लालू यादव का लक्ष्य अभी 2024  है. इसलिए वे जदयू से बिगाड़ नहीं कर सकते हैं. लालू जगदानंद सिंह को ही मनाएंगे. सियासी जानकारों की मानें, तो लालू से मुलाकात में सुधाकर सिंह के इस्तीफे की भी चर्चा होगी. जगदानंद सिंह को दोबारा अध्यक्ष बनाने वाले लालू यादव उन्हें समझाकर पुनः पार्टी कार्यालय भेजेंगे. 

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