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ठगों को लगा ठगी का चस्का, लोगों को लगाते थे वादों का मस्का.. खाता खुलवा कर करते थे धड़ले से लाखों का लेनदेन

जांच पड़ताल में सामने आया है कि ये आरोपी भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते थे. वे उन्हें मुंह-मांगी रकम का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते थे. एक बार जब खाता खुल जाता, तो आरोपी उसे अपने इस्तेमाल में लाते थे.

आज के डिजिटल युग में, जहां हर कोई अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों पर भरोसा करता है. वहीं कुछ ऐसे शातिर लोग भी है जो इस भरोसे को तोड़ने में लगे हैं. अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है. जो भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनके बैंक खातों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करता था. इस मामले में तीन आरोपियों - रितिक चौहान, तरुण चींटा, और सुनील आचरा - को गिरफ्तार किया गया है.

वादा मतलब आस्तीन का सांप
पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि ये आरोपी भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते थे. वे उन्हें मुंह-मांगी रकम का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते थे. यह लालच कभी अच्छी नौकरी का वादा होता, कभी बम्पर ऑफर का, तो कभी किसी अन्य आकर्षक स्कीम का. इन भोले-भाले लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता था कि वे अनजाने में अपनी मेहनत की कमाई को गलत हाथों में सौंप रहे हैं.

एक बार जब खाता खुल जाता, तो आरोपी उसे अपने इस्तेमाल में लाते थे. वे इन खातों के जरिए लाखों रुपये का लेन-देन करते थे, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता था. इन खातों में जमा पैसे को वे किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल कर सकते थे.

एक्शन मोड में आई पुलिस
सिविल लाइन थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग बैंक खातों से धोखाधड़ी कर रहे हैं. सूचना के आधार पर, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रितिक चौहान, तरुण चींटा, और सुनील आचरा को गिरफ्तार किया. उनकी तलाशी लेने पर, पुलिस को विभिन्न बैंकों के कई खाते, एटीएम कार्ड, और सिम कार्ड मिले.

गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. पुलिस अब उनके खातों की गहन जांच में जुटी हुई है, ताकि इस पूरे गिरोह का नेटवर्क खंगाला जा सके और इसमें शामिल अन्य लोगों को भी पकड़ा जा सके. पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है, और इस मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद है. इस कार्यवाही में ASI सुवालाल और कांस्टेबल समित अभय की अहम भूमिका रही, जिन्होंने अपनी सूझबूझ और मेहनत से आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. 

-चंद्रशेखर शर्मा की रिपोर्ट