
चंडीगढ़ ने देश में शहरी विकास के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है. यह देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां अब एक भी स्लम एरिया यानी झुग्गी बस्ती नहीं है. प्रशासन ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कई चरणों में झुग्गियों को हटाया और पुनर्वास योजनाओं के तहत प्रभावित परिवारों को नए फ्लैट दिए.
शहरी विकास में चंडीगढ़ की उपलब्धि
चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर 38 वेस्ट की शाहपुर कॉलोनी में करीब 500 झुग्गियां हटाकर शहर को स्लम फ्री बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया. इस कार्रवाई से लगभग 2000 लोग प्रभावित हुए, जिनमें से 70 परिवारों को पुनर्वास योजना के तहत नए फ्लैट दिए गए. इससे पहले इसी साल 23 अप्रैल को इंडस्ट्रियल एरिया फेज वॅन के संजय कॉलोनी से 1000 झुग्गियां हटाई गई थीं. 6 मई को सेक्टर 25 की जनता कॉलोनी से 2500 झुग्गियां हटाकर 10 एकड़ भूमि को खाली करवाया गया. 19 जून को सेक्टर 5354 के बीच आदर्श कॉलोनी से 12 एकड़ सरकारी जमीन खाली कराई गई.
संपत्ति की कीमत और प्रशासन की भूमिका
चंडीगढ़ में स्लम बस्तियों से मुक्त कराई गई जमीन की कीमत 20000 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है. प्रशासन ने 500 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि पर कब्जा वापस लिया. मेयर हरप्रीत कौर बबला ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, हमारे शहर को यह उपलब्धि मिली है और यह टीमवर्क का नतीजा है. उन्होंने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया और अन्य अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की.
नागरिकों की क्या रही प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ के नागरिकों ने शहर के स्लम फ्री होने पर खुशी जताई. हालांकि, कुछ लोगों ने पुनर्वास प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. एक नागरिक ने कहा, जिन लोगों को बस्तियों से हटाया गया है, उनका सही तरीके से पुनर्वास होना चाहिए. कुछ लोगों ने चिंता व्यक्त की कि पुनर्वास के बाद मकान बेचने की प्रवृत्ति से समस्या फिर से उत्पन्न हो सकती है.
पुनर्वास योजना और चुनौतियां
प्रशासन ने पुनर्वास योजना के तहत प्रभावित परिवारों को नए फ्लैट दिए हैं लेकिन कुछ नागरिकों ने सुझाव दिया कि मकान बेचने पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि समस्या दोबारा न हो. एक अन्य नागरिक ने कहा, स्लम हटाने से सफाई और लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्वास प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है.
राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा
कुछ नागरिकों ने आरोप लगाया कि चुनाव के समय राजनीतिक दल झुग्गीवासियों को वापस बसाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति शहर को स्लम फ्री बनाए रखने में बाधा बन सकती है. चंडीगढ़ का स्लम फ्री होना न केवल शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह अन्य शहरों के लिए एक प्रेरणा भी है. हालांकि, पुनर्वास और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है.