
चीन के हैकर्स (Chinese Hackers) की तरफ से भारत के खिलाफ रची गई एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. इंटेलीजेंस फर्म 'रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक' ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि चीन ने साइबर जासूसी अभियान (Cyber Espionage Campaign) के तहत भारत के बिजली सेक्टर को निशाना बनाया है.
7 लोड डिस्पैच सेंटर्स निशाने पर
ब्लूमबर्ग ने 'रिकॉर्डेड फ्यूचर' की रिपोर्ट में ये बताया गया कि चीन की सरकारी हैकर्स (State-Sponsored Chinese Hackers) ने उत्तर भारत के कम से कम 7 लोड डिस्पैच सेंटरों को हैक करने की कोशिश की थी. इन सेंटरों का काम भारत-चीन सीमा और लद्दाख के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली पहुंचाने के लिए रियल टाइम ऑपरेशनों को अंजाम देना है.
US ने माना हैकर्स का चीनी संबंध
बता दें कि लोड डिस्पैच सेंटरों में से पहले भी एक हैकिंग ग्रुप RedEcho ने इस तरह के अटैक करने की कोशिश की है. Recorded Future का कहना है कि ये हैकर एक बड़े हैकिंग ग्रुप से जुड़ा हुआ है. वहीं अमेरिका ने भी ये माना है कि इस ग्रुप के तार चीन से जुड़े हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी सरकार से जुड़े हैकिंग ग्रुप ने भारतीय पावर ग्रिड पर लंबे समय तक किए गए हमलों से सीमित आर्थिक जासूसी या पारंपरिक खुफिया जानकारी इकट्ठा हो पाई है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने साधी चुप्पी
रिकर्डेड फ्यूचर के सीनियर मैनेजर जोनाथन कोंड्रा ने कहा कि हैकर्स ने हैकिंग के जो तरीके अपनाएं वो आसामान्य थे. साथ ही हैकर ने जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया उनको दक्षिण कोरिया और ताइवान से ऑपरेट किया जा रहा था. वहीं, जब इस बारे में चीनी विदेश मंत्रालय से संपर्क किया गया तो अभी तक उधर से कोई जवाब नहीं आया है.