
दिल्ली विधानसभा में जल्द ही बड़े बदलाव की बयार बहने वाली है! विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि वे GNCTD (Amendment) Act, 2021 के तहत विधानसभा के नियमों में बड़े संशोधन की योजना बना रहे हैं. ये बदलाव न केवल दिल्ली विधानसभा को लोकसभा और राज्यसभा के समकक्ष लाएंगे, बल्कि इसमें जेंडर-न्यूट्रल भाषा और नई तकनीक का तड़का भी होगा.
विजेंद्र गुप्ता ने साफ किया कि दिल्ली विधानसभा के नियम 280 की समीक्षा की जाएगी, ताकि इसे लोकसभा और राज्यसभा की प्रक्रियाओं के अनुरूप बनाया जा सके. इस बदलाव का मकसद है विधानसभा की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी, समावेशी और आधुनिक बनाना. गुप्ता ने बताया कि नियमों को सरल और जेंडर-न्यूट्रल भाषा में ढाला जाएगा, ताकि हर वर्ग की आवाज को बराबरी का दर्जा मिले. यह कदम न केवल समानता को बढ़ावा देगा, बल्कि विधायी भाषा को आम लोगों के लिए भी समझने योग्य बनाएगा.
गुप्ता ने दावा किया कि 2023 में GNCTD एक्ट में हुए संशोधन ने विधानसभा की कार्यप्रणाली या कमेटियों की शक्तियों पर कोई रोक नहीं लगाई. उन्होंने कहा, “कुछ लोग दावा करते हैं कि विधानसभा की कमेटियां CAG रिपोर्ट्स की जांच नहीं कर सकतीं या अधिकारियों को तलब नहीं कर सकतीं, लेकिन यह सच नहीं है. प्रिविलेज कमेटी और याचिका कमेटी को अधिकारियों को बुलाने और CAG रिपोर्ट्स की समीक्षा करने का पूरा हक है.”
नई कमेटियां और डिजिटल क्रांति
इस बार विधानसभा ने सामाजिक बदलाव की दिशा में भी कदम बढ़ाया है. दो नई कमेटियों का गठन किया गया है: वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति और ट्रांसजेंडर व दिव्यांग कल्याण समिति. इन कमेटियों का मकसद समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना है.
इतना ही नहीं, विधानसभा अब डिजिटल युग में कदम रख रही है. ऑडिट पारा मॉनिटरिंग सिस्टम (APMS) नामक एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की तैयारी है, जो CAG की सिफारिशों को रियल-टाइम ट्रैक करेगा. यह ऐप न केवल वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि अनुपालन को भी आसान बनाएगा. गुप्ता ने बताया कि छह लंबित CAG रिपोर्ट्स को इस सत्र में सदन में पेश किया गया, जो इस दिशा में एक बड़ा कदम है.
100वां दिन और विशेष रिपोर्ट कार्ड
दिल्ली की आठवीं विधानसभा 4 जून 2025 को अपना 100वां कार्य दिवस मना रही है. इस मौके पर एक विशेष रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है, जो 6 जून को पेश होगा. यह रिपोर्ट कार्ड विधानसभा के फैसलों, सुधारों और उपलब्धियों का लेखा-जोखा होगा. गुप्ता ने कहा, “हम चाहते हैं कि दिल्ली विधानसभा न केवल राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरे, बल्कि एक मॉडल बनकर उभरे.”
सियासी तंज और AAP का पलटवार
लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है. गुप्ता ने नियम 280 पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे पहले “निहित स्वार्थों” के लिए गलत इस्तेमाल किया गया. हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन AAP ने तुरंत पलटवार किया. AAP ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि विजेंद्र गुप्ता, जिन्होंने पिछले 10 सालों में विधानसभा को बाधित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, अब दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं. गुप्ता वही शख्स हैं, जिन्होंने विधानसभा में मेज पर चढ़कर अपनी पार्टी को शर्मिंदगी दी थी. उन्हें बस मार्शल्स को स्थायी नौकरी देने का वादा पूरा करना चाहिए.”
पिछले महीने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने गुप्ता को पत्र लिखकर दावा किया था कि पब्लिक अकाउंट्स कमेटी को स्वास्थ्य, शराब आपूर्ति और वाहन वायु प्रदूषण से जुड़ी CAG रिपोर्ट्स की जांच का अधिकार नहीं है. गुप्ता ने इसे खारिज करते हुए कहा कि कमेटियों के अधिकारों में कोई कमी नहीं आई है.
5 जून को रूल्स कमेटी की पहली बैठक में ड्राफ्ट नियमों पर चर्चा होगी. यह बदलाव दिल्ली विधानसभा को और आधुनिक, समावेशी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम हो सकता है. ले