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Delhi Court Drama: दिल्ली कोर्ट में हाई-वोल्टेज ड्रामा! स्टेनोग्राफर ने दी आत्महत्या की धमकी, तो जज को टालना पड़ा फैसला

कोर्ट में सारी तैयारियां हो चुकी थीं, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसने सबको चौंका दिया. कोर्ट का नियमित स्टेनोग्राफर, जो फैसले को लिखने के लिए मौजूद था, अचानक गुस्से में आ गया. उसने न सिर्फ कोर्ट से बाहर जाने का फैसला किया, बल्कि जज के सामने ही आत्महत्या करने की धमकी दे डाली.

Court Order (Representative Image) Court Order (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • स्टेनोग्राफर ने दी आत्महत्या की धमकी

  • जज को टालना पड़ा फैसला

क्या आपने कभी सुना है कि कोर्ट में फैसला सुनाने से पहले ऐसा तमाशा हो जाए कि पूरा मामला ही टल जाए? जी हां, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में ऐसा ही एक सनसनीखेज वाकया हुआ, जिसने सबको हैरान कर दिया. एक सड़क हादसे के मामले में फैसला सुनाने की बारी आई, लेकिन कोर्ट का स्टेनोग्राफर अचानक ड्रामे के मूड में आ गया. उसने न सिर्फ कोर्ट छोड़ दिया, बल्कि आत्महत्या की धमकी देकर सबको सकते में डाल दिया. 

कोर्ट में मचा हंगामा
बात है 29 अप्रैल 2025 की, जब दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा गर्ग एक सड़क हादसे के मामले में फैसला सुनाने वाली थीं. यह मामला था राज्य बनाम सुखदेव उर्फ सुखा का, जिसमें एक ट्रक ड्राइवर पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और एक व्यक्ति की मौत का आरोप था.

कोर्ट में सारी तैयारियां हो चुकी थीं, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसने सबको चौंका दिया. कोर्ट का नियमित स्टेनोग्राफर, जो फैसले को लिखने के लिए मौजूद था, अचानक गुस्से में आ गया. उसने न सिर्फ कोर्ट से बाहर जाने का फैसला किया, बल्कि जज के सामने ही आत्महत्या करने की धमकी दे डाली.

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मजिस्ट्रेट नेहा गर्ग ने अपने आदेश में लिखा, “फैसला दर्ज नहीं हो सका, क्योंकि कोर्ट की नियमित स्टेनोग्राफर ने आत्महत्या की धमकी देकर कोर्ट छोड़ दिया. इसलिए, फैसले की घोषणा के लिए नई तारीख दी जाती है.” यह सुनकर कोर्ट में मौजूद हर शख्स दंग रह गया. आखिर स्टेनोग्राफर को ऐसा क्या हुआ कि उसने इतना बड़ा कदम उठाने की धमकी दे दी? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा था.

कोर्ट का ऑर्डर
कोर्ट का ऑर्डर

क्या था मामला?
अब जरा उस केस के बारे में बात करते हैं, जिसके चलते यह सारा ड्रामा हुआ. यह मामला 2012 का है, जब एक ट्रक ड्राइवर, सुखदेव उर्फ सुखा, ने अपनी गाड़ी इतनी लापरवाही से चलाई कि एक मोटरसाइकिल सवार की जान चली गई. यह हादसा इतना भयानक था कि मृतक के परिवार ने ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने जांच की और सुखदेव पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 279 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) और धारा 304A (लापरवाही से मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज किया.

लंबी सुनवाई के बाद, आखिरकार 9 मई 2025 को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया. ट्रक ड्राइवर को दोनों धाराओं में दोषी करार दिया गया. लेकिन इस फैसले से पहले कोर्ट में जो ड्रामा हुआ, उसने इस केस को और भी चर्चा का विषय बना दिया.

क्यों भड़का स्टेनोग्राफर?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टेनोग्राफर ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? क्या यह उसका निजी गुस्सा था या कोर्ट में किसी बात को लेकर तनाव पैदा हुआ? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेनोग्राफर और कोर्ट के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई थी. कुछ का कहना है कि काम का दबाव या निजी परेशानियां इस ड्रामे की वजह हो सकती हैं. हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन यह घटना कोर्ट की कार्यवाही में एक अभूतपूर्व रुकावट बन गई.