
सीमा पार से गोलीबारी थमने के बाद जम्मू कश्मीर के शहरों, कस्बों और गांवों में हालात सामान्य होने लगे हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच एक-दूसरे के खिलाफ सभी सैनिक कार्रवाइयां रोकने पर बनी सहमति के बाद हालात बेहतर हो रहे हैं. आपसी सहमति के बाद राजौरी जिले के लोग राहत की सांस लेने लगे हैं. संघर्ष भड़कने के बाद वे लगातार तनाव और डर के माहौल में जी रहे थे। उन्हें भारी नुकसान भी झेलना पड़ रहा था.
घरों की ओर लौटे लोग
राजौरी के रहने वाले भारत भूषण बताते हैं कि सीज़फायर होने के बाद लोग अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं और चीज़ें धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं. भारत भूषण ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “लोग अपने घरों को वापस आ रहे हैं. बाजार भी खुल रहा है. इस वक्त हालात सामान्य हैं और चिंता की कोई बात नहीं है. जो हमारे वीर सैनिक हैं वे अकेले नहीं हैं. पूरा भारत उनके पीछे है.”
श्रीनगर के स्थानीय लोगों ने सीज़फायर होने के बाद रविवार को बाजारों का रुख किया. दुकानें खुलीं और लोगों ने रोजमर्रा की जरूरतों के सामान खरीदे. उन्होंने हालात सुधरने और अमन बहाली की उम्मीद जताई. श्रीनगर के रहने वाले रफीक भट्ट ने कहा, “कल जिस तरह से अमेरिका ने जो ऐलान किया दोनों मुल्क के दरमियां. हमने देखा हिंदुस्तान और पाकिस्तान में जो जंग बंदी का ऐलान किया गया है उससे राहत मिली है. जो जम्मू कश्मीर के सरहदी इलाके हैं, खासकर वहां के लोगों को राहत मिली है.”
लोगों को अमन की उम्मीद
लोगों को उम्मीद है कि शांति के माहौल में अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौटेगी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटन उद्योग को भारी झटका पहुंचा है. लोगों ने संघर्ष से नुकसान का हवाला देते हुए दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिये आपसी विवाद सुलझाने की अपील की. श्रीनगर के रहने वाले अलाफुद्दीन कहते हैं, “बड़ी खुशी हुई कल शाम से. जंग से बहुत नुकसान हो जाता. कौन चाहता है कि जंग हो. दोनों मुल्क अगर बात कर रहे हैं, कुछ हल निकालें इसका तो हम बहुत खुश हैं इसके लिए. जंग में कोई फायदा नहीं है.”
वहीं श्रीनगर के रहने वाले गुलज़ार कहते हैं, “आखिरकार हम यह कह सकते हैं कि बेटर सेंस हो गया है दोनों मुल्क के दरमियां. इसकी उम्मीदें हम सब लोग कर रहे थे. ये जंग बंदी हो जाए ताकि इंसानी जानें जाया हो रही है. चाहे वो उस पार की हो या इस पार की. मर तो इंसान ही रहा है.”
पाक पर अब भी लोगों को भरोसा नहीं
हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, फिर भी कई लोगों को शक है कि शांति लंबे समय तक नहीं बनी रहेगी. श्रीनगर के बशीर अहमद ने सीज़फायर पर कहा, “पांच बजे से हमने देखा माहौल ठीक था. रात के करीब साढ़े नौ बजे हमें फिर आवाजें आई. बहुत जबदस्त आवाजें आ रही थीं. पता नहीं कहां से आ रही थीं. अब इनका जो सीजफायर किया है हम तो उससे खुश हैं. सीजफायर हो गया तो अब दुकानें खुलेंगी और टूरिज्म आएगा."
पिछले कुछ दिनों से सीमापार से गोलीबारी और शेलिंग की वजह से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बसे लोग लगातार भय के माहौल में जी रहे थे. कई जगहों पर बाजार बंद कर दिए गए और लोगों को सुरक्षित जगहों पर शरण लेने के लिए अपना घर-बार छोड़ना पड़ा था. शनिवार रात के बाद से हालात बेहतर हो रहे हैं और लोगों की जिंदगी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है.