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दिल्ली में आज से बदल गए ड्राइविंग टेस्ट के नियम, जानिए कितना आसान हुआ लाइसेंस बनवाना

दिल्ली में कई उम्मीदवारों के ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के मद्देनजर आबकारी विभाग द्वारा गठित एक पैनल की सिफारिशों के बाद यह बदलाव आया है. परिवहन अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण के इन पहलुओं को हटाने से दुर्घटनाएं नहीं होंगी और इसके विपरीत, अभ्यास को सरल बनाया जाएगा.

Driving Test Driving Test
हाइलाइट्स
  • टेस्ट में बैठने से पहले सीट बेल्ट पहनने की जानकारी देनी होगी

  • पैर जमीन पर रख सकेंगे

नियम में हुए कुछ खास बदलाव के बाद से दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट पास करना अब थोड़ा आसान हो गया है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट पास करना थोड़ा आसान हो सकता है, क्योंकि राज्य सरकार इस अभ्यास के कुछ हिस्सों को दूर कर सकती है जो सुरक्षा मानकों से समझौता नहीं करते हैं.

सरकार ने टेस्ट में बढ़ रहे फेल होने के मामलों को देखते हुए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक में बदलाव करने के आदेश दिए हैं. अधिकारी कहा,'अब से '8' फॉर्मेशन के दौरान पीली लाइन को छूने से कोई उम्मीदवार परीक्षा में फेल नहीं होगा, न ही दोपहिया सवार दोनों पैरों से जमीन को छूएगा.' (जिसे 'टू-फुट' टच के रूप में जाना जाता है) इस मामले की जांच के लिए परिवहन विभाग द्वारा गठित एक समिति ने इन ट्रैक्स पर कुछ संशोधनों की सिफारिश की है, जो इस साल 8 अगस्त से लागू होंगी. एक अधिकारी ने बताया कि ड्राइविंग से संबंधित नहीं होने वाली अन्य चीजों के कारण कई लोग ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो रहे थे. नए नियमों से लोगों को टेस्ट पास करने में आसानी होगी. हालांकि इन सुधारों से रोड सेफ्टी से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा.

क्यों फेल हो जाते थे लोग?
बता दें कि अंतिम सर्कल की चौड़ाई जिस पर दोपहिया वाहन चालकों को स्पाइरल रूट पर जाना होता है इसकी चौड़ाई अन्य दो सर्कल के मुकाबले काफी कम थी. ऐसे में लोगों को पैर जमीन पर रखने पड़ जाते थे और वे फेल हो जाते थे. लोगों के ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने से लाइसेंसी लेने वालों की ज्यादा पेंडेंसी बढ़ रही थी. अधिकारी ने कहा कि जो लोग फेल रहे थे, उन्हें कई हफ्तों तक टेस्ट के लिए अगली तारीख नहीं मिलती थी. इस वजह से पेंडेंसी बढ़ती जा रही थी.

क्या होंगे नए नियम?

  1. परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब आखिरी सर्कल की चौड़ाई को पहले से बढ़ा दिया गया है. वहीं अब लोग अपने पैर भी जमीन पर रख सकेंगे. पहले नियम में महिलाओं को भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से कुछ लोगों को लाइसेंस के लिए ही अप्लाई करना बंद कर दिया था.
  2. वहीं कई बार ड्राइविंग टेस्ट पूरा करने के बाद पता चलता था कि व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. अब नियमों के मुताबिक, उम्मीदवार को ड्राइविंग टेस्ट में बैठने से पहले सीट बेल्ट पहनने की जानकारी पहले से देनी होगी. अधिकारी अब उम्मीदवारों को परीक्षा देने से पहले सीट बेल्ट पहनने की याद भी दिलाएंगे. पहले सीट बेल्ट न लगाने पर ड्राइवर फेल हो जाता था.
  3. इसके अलावा, एक उम्मीदवार को समानांतर पार्किंग टेस्ट पास करने के लिए 120 सेकंड से 150 सेकंड का समय मिलेगा.परिवहन अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण के इन पहलुओं को हटाने से दुर्घटनाएं नहीं होंगी और इसके विपरीत, अभ्यास को सरल बनाया जाएगा.

दिल्ली में 15 कार्यात्मक ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक हैं, जिनमें से 13 स्वचालित हैं. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हर केंद्र पर औसतन लगभग 200 लोग ड्राइविंग टेस्ट के लिए आते हैं, जिनमें से लगभग 40% लोग टेस्ट में फेल हो जाते हैं. समिति में परिवहन विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे और समिति के एक सदस्य ने इस बात से इनकार किया कि मामूली बदलाव से ड्राइवरों या अन्य की सुरक्षा से समझौता होगा.