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UP में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों की बल्ले-बल्ले...योगी सरकार ने टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस किया माफ, यहां जानिए कितना होगा आपको फायदा

Electric Vehicle Policy in UP: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर तीन साल तक का टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी. प्रदेश में ही निर्मित इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर यह छूट पांच साल तक मान्य होगी.

Electric Vehicle Electric Vehicle
हाइलाइट्स
  • सरकारी कर्मचारियों को भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी

  • राज्य में ही निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदने पर तीन की जगह पांच साल की मिलेगी छूट 

यदि आप इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदना चाह रहे हैं तो यूपी की योगी सरकार ने होली से पहले आपको बड़ा तोहफा दिया है. जी हां, अब यहां पर इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और न ही कोई रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी. 

उत्तर प्रदेश शासन ने पूर्व में जारी अधिसूचना को संशोधित करते हुए यह निर्णय किया है. इसके अंतर्गत तीन साल तक का टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी. वहीं प्रदेश में ही निर्मित इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर यह छूट 5 साल तक मान्य होगी. 

RTO को दिए निर्देश
सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के आरटीओ को तत्काल प्रभाव से निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वरलू की ओर से जारी संशोधित अधिसूचना के अनुसार, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और गतिशीलता नीति 2022 के अनुसार 14 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश में बेचे गए और रजिस्टर्ड किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर 100 प्रतिशत टैक्स छूट दी जाएगी. यह छूट 2022 से 13 अक्टूबर, 2025 तक होगी. अगर कोई शख्स राज्य में ही निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदता है तो उसे तीन की जगह पांच साल की छूट मिलेगी.

उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
प्रदेश सरकार के इस निर्णय से लाखों इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर्स के साथ-साथ ईवी खरीदने की प्लानिंग कर रहे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. जिन लोगों ने 14 अक्टूबर 2022 से अब तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद की है और टैक्स व रजिस्ट्रेशन फीस भर दी है, उनका पैसा स्वत: ही उनके अकाउंट में वापस आ जाएगा. इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर को कोई प्रयास नहीं करना है.

15 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी
उत्तर प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी. इसमें पहले दो लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपए प्रति वाहन, पहले 50,000 इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों पर अधिकतम 12,000 रुपए और पहले 25,000 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए प्रति वाहन पर एक लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी.प्रदेश में खरीदी गई पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही अधिकतम 1000 ई गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन 1,00,000 तक ई-गुड्स कैरियर्स की खरीद के लिए फैक्ट्री मूल्य पर 10 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. सरकारी कर्मचारियों को भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए राज्य सरकार कर्मचारियों को एडवांस लेने की भी अनुमति देगी.

दिल्ली और यूपी में पंजीकरण का अंतर हो जाएगा खत्म 
सरकार के इस कदम से यूपी के इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर्स को बड़ा फायदा होने की संभावना है. उन्हें राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के माध्यम से बड़ी रकम की बचत होगी. संभावना है कि ऑन रोड दोपहिया वाहनों की कीमत में 15 से 20 हजार रुपए तक और कारों की कीमत में एक लाख रुपए तक का अंतर आ जाएगा. अब दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पंजीकरण का यह अंतर खत्म हो जाएगा. अब दोनों राज्यों में रेट एक समान हो जाएंगे.