EPFO News
EPFO News द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) देश के बाहर ऑफिस का विस्तार करने के प्रयास में लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में दफ्तर और सर्विस सेंटर स्थापित करने का कोशिश कर रहा है. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, ईपीएफओ वैश्विक विशेषज्ञों को शामिल करना चाहता है ताकि ग्राहकों को परेशानियों से निजात दिलाने के लिए प्रोसेस को और आसान बनाया जाए और संगठन को और मजबूती दी जाए.
अगले ढाई दशक के लिए तैयार किया रोडमैप
कह सकते हैं कि विशेष रूप से ईपीएफओ खुद को अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क के साथ स्थापित करना चाहता है. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने ईटी (द इकोनॉमिक टाइम्स )को बताया कि अगले ढाई दशकों के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है, ताकि इसे वैश्विक सामाजिक सुरक्षा प्रदाता बनने में सक्षम बनाया जा सके. अधिकारी ने ईटी को बताया कि, '2037 तक, ईपीएफओ का लक्ष्य एशिया-प्रशांत में अपनी एक मजबूत उपस्थिति बनानी है.
उन्होंने आगे कहा कि, हमारा विचार छोटे देशों को अपने श्रमिकों के लिए अपनी सामाजिक सुरक्षा विकसित करने में मदद करना है, भारतीय सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की तर्ज पर, जिसे पिछले 70 वर्षों में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है.
पीएम मोदी ने EPFO की भूमिका को बताया था महत्वपूर्ण
पिछले महीने ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने भारत में श्रम बल को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पीएम मोदी ने कहा था, 'ई-श्रम पोर्टल एक और उदाहरण है कि कैसे भारत असंगठित क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है. निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों को अब सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है.'
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा था, 'एक विकसित भारत के निर्माण के लिए हमारे सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. इस विचार के साथ, देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कामगारों के लिए लगातार काम कर रहा है.'