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घर की छत पर गार्डनिंग की भी मिलेगी ट्रेनिंग, दिल्ली सरकार ने शुरू की पहल

दिल्ली सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर दिल्ली में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग को मंजूरी दी है. इस पहले के तहत अब घर में गार्डनिंग या टेरेस फॉर्मिंग करने वालों को सरकार ट्रेनिंग देगी.

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हाइलाइट्स
  • अब टैरेस गार्डनिंग की भी मिलेगी ट्रेनिंग

  • पर्यावरण संरक्षण के लिए अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शहरी इलाकों में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा देने के मकसद से कैबिनेट बैठक में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को मंजूरी दी है. जो लोग घर की छत या बालकनी में फल-सब्जियां उगाना चाहते हैं, उनको दिल्ली सरकार प्रशिक्षण देगी. स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल एक तरह से रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा. लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए बड़ी संख्या में विशेषज्ञ हायर किए जाएंगे और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट से टाई-अप किया जाएगा.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष इसका प्रस्ताव रखते हुए अधिकारियों ने बताया कि यह पहल अर्बन फार्मिंग और टैरेस गार्डनिंग स्कीम का हिस्सा है. स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल के तहत अर्बन फार्मिंग ट्रेनिंग वर्कशाप और उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाना है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य अर्बन फार्मिंग के प्रति दिल्ली के लोगों में जागरूकता बढ़ाना है. साथ ही दिल्ली में ग्रीन जॉब के सृजन को बढ़ावा देना है.

अब टैरेस गार्डनिंग की भी मिलेगी ट्रेनिंग
इसके तहत, दिल्ली वालों के लिए 400 शहरी कृषि जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके तहत 40 मास्टर ट्रेनर्स और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, दिल्ली के लोगों के लिए इंडस्ट्री पार्टनर्स के माध्यम से 600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 15 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. 

पर्यावरण संरक्षण के लिए अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जिन-जिन लोगों के घरों में बालकनी या छत पर थोड़ी बहुत भी जगह है और वे छोटी-मोटी फार्मिंग करना चाहते हैं. मसलन, सब्जियां या फल उगाना चाहते हैं, तो हम उनको सब्जियां फल उड़ाना सिखाएंगे. शुरुआत में हम उनकी मदद करने के लिए कुछ बीज आदि उपलब्ध करवाएंगे. इस पूरे सेक्टर को हमने दो भागों में बांटा है. एक वो लोग, जो अपने घर की खपत के लिए अपने घर में सब्जी और फल उगाना चाहते हैं. दूसरा वो लोग जो इसका बिजनेस करना चाहते हैं. मसलन, जिनके पास थोड़ी ज्यादा जगह है और वो बिजनेस के तौर पर कुछ करना चाहते हैं. जो लोग अपने घर की खपत के लिए फल-सब्जियां उगाएंगे. उनको सेहतमंद और ऑर्गेनिक अच्छी सब्जियां मिलेंगी. साथ ही उनके पैसे की बचत भी होगी, क्योंकि उनको बाजार से सब्जियां खरीदनी नहीं पड़ेगी. 

दिल्ली में होंगे करीब 400 वर्कशॉप
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर कोई गृहिणी छोटा-मोटा बिजनेस करना चाहती हैं तो इससे उनके परिवार को कुछ अतिरिक्त आमदनी होगी. एक तरह यह रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा. स्मार्ट अर्बन फामिंग के लिए हम बड़े स्तर पर विशेषज्ञों को हायर कर रहे हैं. इसके अलावा, हम लोग इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ टाई-अप करने जा रहे हैं. यह एक विशेषज्ञ के माध्यम से पूरे दिल्ली में वार्ड स्तर पर 400 के करीब वर्कशॉप आयोजित की जाएगी. जहां लोगों को अर्बन फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा लगभग 600 के करीब वर्कशॉप की जाएगी, जिसमें लोगों को बिजनेस करना सिखाया जाएगा. इस तरह करीब एक हजार वर्कशॉप आयोजित की जाएगी. एक वर्कशॉप में लगभग 25 लोगों को शामिल किया जाएगा. इस तरह हमें उम्मीद है कि अर्बन फार्मिंग पहल का पहले साल में लगभग 25000 परिवारों को फायदा होगा.

क्या है अर्बन फार्मिंग?
अर्बन फार्मिंग के तहत, यदि पर्याप्त धूप उपलब्ध हो तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं. अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं. साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली सरकार का हार्टीकल्चर विभाग इस पहल का नोडल विभाग के रूप में काम करेगा.