
बिहार में गया मुख्यालय से 25 किमी दूर छोटकी भेड़िया गांव की रहने वाली 9 साल की स्नेहा कुमारी अपने सपनो को साकार करने के लिए गांव के सड़क किनारे लगे स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर है. स्नेहा कुमारी रात में गांव में सड़क किनारे लगे स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई करती है और दिन के उजाले में घर में या घर के बाहर खाट पर बैठ कर पढाई करती है. स्नेहा कुमारी के घर में लाइट तक नहीं है. जिसके चलते रात में पढाई करने में स्नेहा को काफी दिक्कत होती है.
पिता को किडनी की बीमारी-
स्नेहा कुमारी के पिता महेश मांझी काफी दिनों से किडनी के बीमारी से ग्रसित है. जिसके चलते उनके पिता काम करने में भी असमर्थ है और स्नेहा कुमारी की माँ गांव के खेतों में मजदूरी करके घर को चलाती हैं. स्नेहा का स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ने का वीडियो 16 जून 2025 को वायरल हुआ था.
डॉक्टर बनना चाहती हैं स्नेहा-
स्नेहा कुमारी छात्रा ने बताया कि वह गांव के प्राथमिक विद्यालय छोटकी भेड़िया में पढ़ती है और 5वीं की छात्रा हैं. स्नेहा बताती हैं कि वह रात में गांव में सड़क किनारे लगे स्ट्रीट लाइट में पढ़ाई करती हैं, क्योंकि स्नेहा के घर में बिजली नहीं है. जिसके चलते स्नेहा रात में स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई करती हैं. स्नेहा पढ़ -लिखकर डॉक्टर बनाना चाहती हैं.
पैसे की कमी के चलते बिजली कनेक्श नहीं लिया- पिता
स्नेहा कुमारी के पिता महेश मांझी ने बताया कि स्नेहा घर के बाहर लगे स्ट्रीट लाइट के नीचे रात में पढाई कर रही है, क्योंकि घर में लाइट नहीं है और घर में अँधेरा था. तो स्नेहा ने कहा कि पापा हम घर के बाहर बैठकर पढ़ाई कर लें तो हमने कहा ठीक है और स्नेहा घर के बाहर लगे स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाईई करने लगी. उन्होंने कहा कि मेरे साथ दिक्कत है, मेरी एक किडनी ख़राब है तो उसके चलते हम भी काम नहीं करते हैं और स्नेहा 2 सालों से घर के बाहर लगे स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई कर रही है. हम लोगों के पास उतना रुपया नहीं है कि बिजली कनेक्शन के लिए अप्लाई करें. इसलिए हमने बिजली कनेक्शन के लिए अप्लाई भी नहीं किया है.
मजदूरी करके परिवार पालती हूं- मां
स्नेहा की माँ शीला देवी ने बताया कि स्नेहा गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ती है और घर में लाइट नहीं होने के कारण वह रोड किनारे स्ट्रीट लाइट के नीचे रात में पढ़ाई करती हैं. हमारे घर में लाइट नहीं है तभी तो वह 2 महीने से घर के बाहर लगे लाइट में पढ़ रही है. उन्होंने बताया कि मेरे पति की तबीयत खराब रहती है, इसलिए हम खेतों में मजदूरी करके घर में बच्चों को खिलाते हैं और हमने कभी भी लाइट के कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं दिया है.
फ्री में पढ़ाई करती है स्नेहा- टीचर
गांव के एक शिक्षक रंजन कुमार ने बताया कि हम 10 सालों से एक ट्रस्ट के माध्यम से इन गांव के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया जा रहा है. इस स्नेहा कुमारी को भी हम पढ़ाते हैं और स्नेहा सरकारी स्कूल में भी पढ़ती है. मेरे पास भी पढ़ाई करने के लिए आती है. उन्होंने बताया कि स्नेहा पढ़ाई में बहुत अच्छी है और इनके पिता की तबीयत खराब रहती है, जिसके चलते घर की स्थिति भी ठीक नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की मदद-
स्नेहा कुमारी का वीडियो वायरल होने के बाद गया शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके घर पहुंचे और स्नेहा कुमारी को पढ़ाई में मदद हो, इसके लिए उन्होंने किताब, कॉपी और खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध कराया. उन्होंने स्नेहा के पिता के इलाज के लिए कुछ पैसे भी दिए.
सामाजिक कार्यकर्ता मनीष पंकज मिश्रा ने बताया कि हम लोगों को मालूम चला कि गया जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक बच्ची को पढ़ाई में बहुत अच्छी है और वह रात में स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई करती है. इसके बाद हम लोग गांव में आए और उसकी मदद के लिए किताब, कॉपी दी. उन्होंने कहा कि हम सरकार से भी गुहार लगाते हैं कि इस परिवार पर भी बिहार सरकार ध्यान दे, ताकि बच्ची पढ़ सके.
(पंकज कुमार की रिपोर्ट)
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