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अब बेफिक्र घूम के आइये दुनिया! जल्द शुरू हो रही हैं सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें

लगभग 14 ऐसे देश हैं जहां कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इन देशों में एयर बबल समझौते के अनुसार ही उड़ान जारी रखने की संभावना है. इस देशों में यूरोपीय संघ और कुछ अन्य देश शामिल हैं, जहां एक नए कोविड संस्करण का पता चला है.

जल्द शुरू हो रही हैं सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जल्द शुरू हो रही हैं सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
हाइलाइट्स
  • कोरोना संक्रमित देशों में एयर बबल समझौते के हिसाब से होगा फैसला

  • सरकार ने से फैसला कोरोना महामारी के हालातों के मद्देनजर लिया है

विश्वभर में घूमने की इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए खुशखबरी आई है. सूत्रों के अनुसार, सरकार 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति दे सकती है, लेकिन केवल उन देशों से जहां कोविड की स्थिति नियंत्रण में है. इससे पहले सरकार ने केवल कुछ देशों से ही उड़ानों की अनुमति दी थी. लेकिन अब कोरोना संकट से जूझ रहे 14 देशों के अलावा सभी देशों में जाने की अनुमति है. 

कोरोना संक्रमित देशों में एयर बबल समझौते के हिसाब से होगा फैसला
सूत्रों का ये भी कहना है कि लगभग 14 ऐसे देश हैं जहां कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इन देशों में एयर बबल समझौते के अनुसार ही उड़ान जारी रखने की संभावना है. इस देशों में यूरोपीय संघ और कुछ अन्य देश शामिल हैं जहां एक नए कोविड संस्करण का पता चला है.

क्या है एयर बबल समझौता?
एयर बबल समझौता उन देशों के बीच एक यात्रा कॉरीडोर है, जो एक-दूसरे के लिए अपनी सीमाएं खोलने पर सहमत हुए हैं. यह साझेदारी आमतौर पर उन देशों के बीच होती है जिन्हें एक-दूसरे के परीक्षण संख्या पर अच्छा भरोसा है या जिन्होंने कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित किया है. 

कोरोना हालातों के मद्देनजर सरकार ने लिया फैसला
इस सप्ताह की शुरुआत में, सरकार ने कहा था कि निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें साल के अंत तक फिर से शुरू हो सकती हैं. कोरोना के हालातों को काफी सावधानी से मद्देनजर रखते हुए सरकार ने मार्च 2020 में निलंबित की गई निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. 

महामारी के बाद महंगी हो गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
भारत सरकार ने पिछली गर्मियों से ही लगभग 31 देशों के साथ एयर बबल बना रखा था, जिसके तहत ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो रही थी. हालांकि, सीमित क्षमता के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के किराए में अत्यधिक वृद्धि देखी गई है. यहां तक की कोरोना महामारी से पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों  के लिए जो किराया रिटर्न टीकट के लिए होता था, अब वो किराया केवल एक तरफ के लिए हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस क्रिसमस और नए साल के वक्त अंतरराष्ट्रीय किराए बहुत अधिक होंगे. पर्यटन उद्योग सरकार से उन देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें खोलने का अनुरोध कर रहा है जहां कोविड नियंत्रण में है और जो पारस्परिक रूप से भारतीय टीकों और प्रमाणन को स्वीकार और मान्यता देते हैं.