
Ministry of Tourism and Antiquities
Ministry of Tourism and Antiquities कुछ समय पहले मिस्र में लक्सर के कर्णक मंदिर में राम सिर वाली मूर्तियां मिली थीं, जिसको सभी ने हैरानी में डाल दिया था. अब गुरुवार को इसी कर्णक मंदिर के एक समारोह में 3,000 साल से ज्यादा पुरानी सैकड़ों राम-सिर वाली 'स्फिंक्स मूर्तियों' के साथ एक सड़क का अनावरण किया गया है.
मिस्त्र की मिन्सिट्री ऑफ़ टूरिज्म के अनुसार, ये राम सिर तीन बड़ी मूर्तियों का हिस्सा थे ये स्फिंक्स की तरह ही दिखते थे. आपको बता दें, कर्णक और लक्सर मंदिर के बीच अनुमानित 700 स्फिंक्स मूर्तियां हैं.

कर्णक और लक्सर मंदिर को जोड़ने वाली "राम्स रोड”
नाइल नदी पर बसी नाइल सिटी के केंद्र में कर्णक और लक्सर के मंदिरों को जोड़ने वाले बलुआ पत्थर से बने रस्ते को "राम्स रोड" (Rams Road) कहते हैं. आधिकारिक तौर पर इसे 25 नवंबर को राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने एक इवेंट के चलते खोला था. मिस्र के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पूरा क्षेत्र रेगिस्तान की रेत के नीचे सदियों से दफन की गई मूर्तियों से दोनों तरफ से घिरा हुआ है.

आपको बता दें, ये सड़क लगभग तीन किलोमीटर (दो मील) लंबी है और इसे प्राचीन मिस्र की पौराणिक कथाओं में "ईश्वर का रास्ता" नाम दिया गया है. ‘राम’ प्राचीन मिस्र के देवता ‘अमुन’ का एक अवतार हैं.

कर्णक और लक्सर मंदिर का इतिहास
कर्णक मंदिर लगभग 2,000 से 4,000 साल पहले बनाया गया था और यह एक प्राचीन सूर्य देवता ‘अमुन-रा’ को समर्पित किया गया है. ये मंदिर लगभग 100 हेक्टेयर (250 एकड़) से अधिक के क्षेत्र में बनाया गया है.
वहीं, लक्सर मंदिर को लगभग 3,400 साल पहले अमेनहोटेप III द्वारा बनाया गया था. इसका उपयोग प्राचीन मिस्रियों से लेकर ईसाई और बाद में मुसलमानों द्वारा धार्मिक पूजा के स्थल के रूप में किया जाता रहा है.

पर्यटन क्षेत्र देता है 20 लाख लोगों को रोजगार
मिस्र का टूरिज्म मंत्रालय अरब को "एक ओपन एयर एग्जिबीशन" के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा टूरिस्ट संख्या वाला देश बनाना चाहता है. यही कारण है कि मंत्रालय देश के अलग-अलग स्थानों पर एग्जीबिशन लगाता रहता है.
गौरतलब है कि मिस्र में पर्यटन क्षेत्र 20 लाख लोगों को रोजगार देता है और देश के जीडीपी 10 प्रतिशत से अधिक उत्पन्न करता है. लेकिन हाल के कुछ वर्षों में 2011 का रेवोलुशन, कई आतंकी हमले और हाल ही में कोरोनावायरस महामारी के बाद राजनीतिक अशांति की वजह से इसे काफी नुकसान पहुंचा है.