

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 सितंबर को गुजरात दौरे पर अहमदाबाद जिले के लोथल में निर्माणाधीन नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (एनएमएचसी) परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे और अब तक पूरी हो चुकी परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री अधिकारियों के साथ पूरी परियोजना को लेकर समीक्षा बैठक करके लोथल में चल रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की विस्तृत जानकारी भी प्राप्त करेंगे.
गुजरात के अहमदाबाद जिले में स्थित लोथल, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र होने के साथ-साथ भारत की समुद्री शक्ति और समृद्धि का प्रतीक भी था. इसी ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता के इतिहास के साक्षी, लोथल में भारत की शानदार समुद्री विरासत को प्रदर्शित करते हुए एक 'नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स' (NMHC) का निर्माण किया जा रहा है.
नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स परियोजना-
नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स' इतिहास, शिक्षा, अनुसंधान और मनोरंजन का एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण होगा. 5000 साल पहले लोथल न केवल एक बंदरगाह था, बल्कि यहाँ जहाजों की मरम्मत भी होती थी, उस ज्वलंत इतिहास को यहाँ पुनर्जीवित किया जाएगा. आधुनिक तकनीक के माध्यम से शानदार समुद्री विरासत का अनुभव प्राप्त होगा. गुजरात की प्राचीन विरासत का एक महत्वपूर्ण स्थल लोथल, एक बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है. इस प्रकार, गुजरात की समृद्ध प्राचीन समुद्री विरासत को आधुनिक युग के आयामों के साथ जोड़कर बनाया जा रहा यह संग्रहालय, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकास भी, विरासत भी' के लक्ष्य को साकार करेगा.
हेरिटेज कॉम्प्लेक्स से हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार-
यह हेरिटेज कॉम्प्लेक्स लोगों के लिए एक पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ अध्ययन का केंद्र भी बनेगा. नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स को एक नए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और इसे दुनिया के अन्य अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों के समकक्ष बनाए रखा जाएगा. यह परियोजना पूरे भाल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को विकसित करने में भी सहायक सिद्ध होगी. इसके परिणामस्वरूप, यहाँ हज़ारों लोगों के लिए रोज़गार के अनेक अवसर सृजित होंगे और अनेक कुटीर उद्योगों के विकास के भी अनेक रास्ते खुलेंगे.
आत्मनिर्भर भारत' का सपना साकार होगा-
लोथल में हेरिटेज संग्रहालय इस प्रकार बनाया जा रहा है कि भारत का आम आदमी भी अपने इतिहास को आसानी से समझ सके. इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके उसी युग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. लोथल हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था और सबसे प्राचीन मानव निर्मित डोकयार्ड की खोज के लिए जाना जाता है. लोथल में नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का निर्माण शहर की ऐतिहासिक विरासत और स्मृति को संरक्षित करने के लिए सर्वथा उपयुक्त है. इसके साथ ही, यह पहल भारत को समुद्री विरासत पर्यटन, अनुसंधान और नीति विकास का वैश्विक केंद्र बनाकर प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण को साकार करती है.
बनेगा दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय-
नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स में दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय भी बनाया जाएगा. यह प्रतिष्ठित लाइटहाउस संग्रहालय 77 मीटर ऊंचा होगा, जिसमें 65 मीटर पर एक खुली गैलरी होगी. इतना ही नहीं, रात में लाइटिंग शो भी होगा. नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स में एक फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा भी स्थापित की जाएगी. 100 कमरों वाला टेंट सिटी और रिसॉर्ट भी बनाया जाएगा. पूरे संग्रहालय में घूमने के लिए ई-कार की सुविधा भी स्थापित की जाएगी. 500 इलेक्ट्रिक कारों के लिए पार्किंग की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, एक 66 केवी सबस्टेशन भी चालू हो गया है.
समुद्री विरासत को दर्शाने वाली 14 दीर्घाएँ प्रदर्शित की जाएंगी-
यह नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स लगभग 4500 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है. राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए 375 एकड़ भूमि आवंटित की है. इस संग्रहालय में हड़प्पाकालीन वास्तुकला और जीवनशैली को पुनः उजागर करने हेतु लोथल मिनी मनोरंजन के अलावा, 'मेमोरियल थीम पार्क', 'समुद्री एवं नौसेना थीम पार्क', 'जलवायु थीम पार्क' और 'साहसिक एवं मनोरंजन थीम पार्क' जैसे चार थीम पार्कों के निर्माण से कई नवीन और अनूठी सुविधाएँ सृजित होंगी. हड़प्पा काल से लेकर आज तक भारत की समुद्री विरासत को दर्शाने वाली 14 दीर्घाएँ और साथ ही अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न समुद्री विरासतों को प्रदर्शित करने वाला एक तटीय राज्य मंडप भी यहाँ रखा जाएगा.
कॉम्प्लेक्स में होगा समुद्री विश्वविद्यालय का निर्माण-
सबसे खास बात यह है कि नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स में एक समुद्री विश्वविद्यालय बनाया जाएगा. इससे एक ही स्थान पर समुद्री शिक्षा की डिग्री प्राप्त की जा सकेगी. नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स में न केवल एक समुद्री परिसर, बल्कि अध्ययन के लिए एक संस्थान भी बनाया जाएगा. इसके साथ ही, इसी परिसर में दुनिया की सबसे बड़ी अंडरवाटर थीम वाली ओपन गैलरी भी बनाई जाएगी. यह संग्रहालय आगंतुकों को एक शानदार समुद्री इतिहास से रूबरू कराएगा और उन्हें एक विश्वस्तरीय संग्रहालय देखने का अनुभव प्रदान करेगा.
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