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सरस्वती नदी में फिर होगा लबालब पानी, हरियाणा का लगेगा पैसा और हिमाचल करेगा निर्माण

हरियाणा सरकार इस परियोजना पर 215.33 करोड़ रुपये खर्च करेगी. हिमाचल प्रदेश से शुरू होकर यमुनानगर में यमुना नदी में गिरने वाली सोम नदी से इस बांध को बारिश में 224 हेक्टेयर मीटर पानी मिलेगा. 224 हेक्टेयर मीटर पानी में से 62 हेक्टेयर मीटर पानी हिमाचल प्रदेश को और शेष (162) हेक्टेयर मीटर पानी हरियाणा में सरस्वती नदी (Saraswati river) के लिए साल भर इस्तेमाल किया जाएगा.

 2024 तक नदी प्रवाह प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है 2024 तक नदी प्रवाह प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है
हाइलाइट्स
  • सरकार की इस पहल से बाघ और रिजार्वायर में पानी जमा हो सकेगा.

  • बांध और जलाशय का निर्माण सरस्वती पुनरुद्धार परियोजना का हिस्सा है

सरस्वती नदी की धारा एक बार फिर से  जमीन पर बहती नजर आएगी. इसके लिए आदि बद्री नदी पर डैम बनाने के लिए हरियाणा और हिमाचल की सरकार ने एमओयू साइन किया है.  एमओयू  के तहत बारिश का पानी स्टोर करने के लिए बांध के अलावा रिजर्वायर भी बनेगा. ताकि नदी में पूरे साल पानी का बहाव बना रहे. 

हरियाणा में 198 किमी में बहकर घग्गर में मिलेगी

सरकार की इस पहल से बाघ और रिजार्वायर में पानी जमा हो सकेगा. बाघ और रिजार्वायर में पानी जमा करने का मकसद कम से कम 9 माह तक नदी में 20 क्यूसेक पानी का बहाव कराना है. हरियाणा में यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, कैथल के करीब 198 किमी एरिया में बहेगी. फिर पंजाब के पटियाला के सतड़ाना के पास घग्घर में मिलेगी. 

हरियाणा देगा पैसा, और हिमाचल करेगा निर्माण

हरियाणा सरकार इस परियोजना पर 215.33 करोड़ रुपये खर्च करेगी. हिमाचल प्रदेश से शुरू होकर यमुनानगर में यमुना नदी में गिरने वाली सोम नदी से इस बांध को बारिश में 224 हेक्टेयर मीटर पानी मिलेगा. 224 हेक्टेयर मीटर पानी में से 62 हेक्टेयर मीटर पानी हिमाचल प्रदेश को और बाकी (162) हेक्टेयर मीटर पानी हरियाणा में सरस्वती नदी (Saraswati river) के लिए साल भर इस्तेमाल किया जाएगा.

2015 में नदी की खुदाई का काम हुआ था शुरू

सिंचाई विभाग के सरस्वती हेरिटेज सर्कल कुरुक्षेत्र के अधीक्षण अभियंता अरविंद कौशिक ने कहा कि सरस्वती नदी पूरे साल 20 क्यूसेक पानी के साथ बहेगी. नवंबर 2014 में हरियाणा में गार्ड के परिवर्तन के साथ, राज्य बीजेपी सरकार ने 21 अप्रैल, 2015 को यमुनानगर जिले के रोलाहेरी गांव से नदी की खुदाई का काम शुरू करते हुए सरस्वती पुनरुद्धार परियोजना (Saraswati Revival Project) शुरू की थी.

7 लाख एकड़ में वाटर लोगिंग समस्या

प्रदेश में 7 लाख एकड़ में वाटर लोगिंग की दिक्कत है.  हथनी कुंड बैराज में वर्षा के समय पानी 6 से 8 लाख तक क्यूसिक पानी आता है. थोड़ा पीछा एक डैम बनाने की योजना है.  इसकी एनओसी मांगी है. दिल्ली के लिए पानी की कमी भी पूरी हो सकती है.  यमुना में भी गंदगी का भी सफाया होगा.  हरियाणा, हिमाचल और यूपी भी पानी का इस्तेमाल  कर सकते 

यमुनानगर जिले में की गई ज्यादा खुदाई

दरअसल बांध और जलाशय का निर्माण सरस्वती पुनरुद्धार परियोजना का हिस्सा है. सरस्वती जिले के 44 गांवों से होकर करीब 49 किलोमीटर तक बहेगी. नदी के  ज्यादातर हिस्से की खुदाई यमुनानगर जिले में की गई है. वहीं मुख्यमंत्री खट्टर ने राज्य की विकास की गति को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं .

2024 तक नदी प्रवाह प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है

डैम पर कुल 215.33 करोड़ की लागत आएगी. 126.89 करोड़ बैराज- रिजर्वायर पर खर्च होंगे. 2024 तक नदी प्रवाह प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है.