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हरियाणा में फिर लगेगा Odd-Even! जानें कब और कितने जिलों में होगा लागू

एडिशनल मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा बुलाई गई इमरजेंसी मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के 14 एनसीआर जिलों में सरकारी कर्मचारी 22 नवंबर तक घर से काम करेंगे. आपको बता दें, प्राइवेट संस्थानों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया हैं. इसके साथ जिन उद्योगों में ऐसी व्यवस्था संभव नहीं है उनके लिए विशेष अनुमति लेने के लिए कहा गया है.

Photo: PTI Photo: PTI
हाइलाइट्स
  • चार NCR जिलों में लागू किया जायेगा ये नियम

  • NCR के सभी 14 जिलों में 22 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम बढ़ाने का फैसला किया है

  • एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई है.

अगले हफ्ते से हरियाणा में ऑड-इवन (Odd-Even) फॉर्मूला लागू किया जायेगा. हरियाणा सरकार ने मंगलवार को अगले हफ्ते से वाहनों के लिए इसे लागू करने का फैसला किया है. राज्य के चार एनसीआर (NCR) जिलों- गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत में यह लागू किया जायेगा. 

एडिशनल मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा बुलाई गई इमरजेंसी मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के 14 एनसीआर जिलों में सरकारी कर्मचारी 22 नवंबर तक घर से काम करेंगे. आपको बता दें, प्राइवेट संस्थानों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया हैं. इसके साथ जिन उद्योगों में ऐसी व्यवस्था संभव नहीं है उनके लिए विशेष अनुमति लेने के लिए कहा गया है.

इन 14 जिलों को कहा गया है वर्क फ्रॉम होम के लिए 

गौरतलब है कि एनसीआर के चार जिलों में वैसे भी 17 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई थी. मंगलवार को हुई बैठक में शामिल अधिकारियों ने अब इसे एनसीआर के सभी 14 जिलों में 22 नवंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है. ये 14 जिले हैं-भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत. 

सीएनजी वाहनों पर नहीं लागू होगा नियम 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि वर्क फ्रॉम होम कॉन्सेप्ट को बढ़ावा देने के पीछे का कारण ये सुनिश्चित करना था कि सड़कों पर कम वाहन हों. अधिकारी ने कहा, “परिवहन विभाग को अगले हफ्ते से ट्रायल के आधार पर कम से कम चार जिलों में ओड-इवन नियम लागू करना चाहिए. हालांकि, सीएनजी वाहनों पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं होगा.” 

सुप्रीम कोर्ट ने लिए था संज्ञान 

आपको बताते चलें कि पूरे एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई है. शनिवार को, सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र में खराब वायु गुणवत्ता का संज्ञान लिया था और केंद्र और पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों को एक्यूआई के स्तर को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया, था. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान इन सभी राज्यों से पूछा था कि "लोग कैसे सांस लेंगे?"

भारी वाहनों पर लगाया जाएगा जुर्माना 

प्रतिबंधों के अलावा, सरकार ने भारी वाहनों पर जुर्माना लगाने का भी फैसला किया है. एक बार चालान कटने के बाद जब तक राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा तब तक वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा.  आपको बता दें, 10 साल ज्यादा पुराने पेट्रोल वाले वाहन और 15 साल से पुराने डीजल वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए भी योजना बनाई जा रही है.

जल्द से जल्द करेंगे ऑड-ईवन लागू 

डिप्टी कमिश्नर यश गर्ग ने कहा कि वह मंगलवार को हुई बैठक में लिए गए सभी फैसलों को लागू करेंगे. उन्होंने कहा, “प्रदूषण को कम करने के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा निर्णय लिए जा रहे हैं. हम नियम को ध्यान में रखते हुए ऑड-ईवन नियम लागू करेंगे.  अब जब ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं, तो इस योजना को लागू करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.”

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने की बैठक 

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने हाल ही में बिगड़ती वायु गुणवत्ता से संयुक्त रूप से कैसे निपटा जाए, इस पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को हरियाणा और अन्य एनसीआर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है.

सुप्रीम कोर्ट और CAQM को सौपेंगे हलफनामा 

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के मेंबर सेक्रटरी, एस नारायण ने कहा, “हमने जो कार्रवाई की है और जो करने की हमारी योजना है, उस पर हम एक संक्षिप्त हलफनामा तैयार कर रहे हैं. हम सुप्रीम कोर्ट और सीएक्यूएम (CAQM) को हलफनामा सौंपेंगे. हमने बैठक में जो भी निर्णय लिए गए हैं सभी को इसमें शामिल किया है, जैसे कि ऑड-इवन नियम और वर्क फ्रॉम होम आदि.  

जल्द ही होगा वायु गुणवत्ता में सुधार: HSPCB

दरअसल एचएसपीसीबी (HSPCB) के कई अधिकारियों को उम्मीद थी कि "गंभीर" स्तर पर पहुंचने के बाद एक्यूआई (AQI) में फिर से सुधार होगा. रीजनल अधिकारी कुलदीप सिंह कहते हैं कि हमारा एक्यूआई ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में पहुंच गया है. हमें उम्मीद है कि अगर प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को पूरी तरह से रोक दिया गया तो इसमें और सुधार होगा.  हालांकि, एक्यूआई मौसम संबंधी स्थितियों पर भी निर्भर करता है. प्रतिबंधों के अलावा, मौसम की स्थिति भी हमारे पक्ष में होनी चाहिए. 

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