
भारत में पासपोर्ट की प्रक्रिया अक्सर माता-पिता दोनों की सहमति से जुड़ी होती है. लेकिन अगर आप सिंगल मदर या सिंगल फादर हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं. भारत सरकार ने सिंगल पैरेंट्स के लिए भी पासपोर्ट नियम आसान बनाए हैं. आइए जानते हैं कि बिना किसी परेशानी के बच्चे का पासपोर्ट कैसे अप्लाई कर सकते हैं.
कौन से डॉक्यूमेंट जरूरी हैं?
अगर आप सिंगल पैरेंट हैं तो जरूरी डॉक्यूमेंट्स इस प्रकार हैं:
यह ध्यान रखें कि डॉक्यूमेंट्स जितने क्लियर और ऑथेंटिक होंगे, प्रोसेस उतनी जल्दी पूरी होगी.
क्या सिंगल पैरेंट भी अप्लाई कर सकते हैं?
जी हां! बिल्कुल. भारत सरकार ने पासपोर्ट नियमों में स्पष्ट लिखा है कि सिंगल पैरेंट भी बच्चे का पासपोर्ट अप्लाई कर सकते हैं.
क्या दूसरे पैरेंट की रजामंदी जरूरी है?
सबसे बड़ा सवाल यही आता है कि क्या दूसरे पैरेंट की सहमति जरूरी है?
जवाब है नहीं. अगर आप बच्चे के लीगल गार्जियन हैं और आपके पास सभी वैध डॉक्यूमेंट्स हैं, तो दूसरे पैरेंट की नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) ज़रूरी नहीं है. हां, अगर कोर्ट केस पेंडिंग है या बच्चे की कस्टडी पर विवाद है, तो पासपोर्ट ऑफिस कस्टडी ऑर्डर मांग सकता है.
क्या सिंगल पेरेंट्स के लिए कोई स्पेशल गाइडलाइन है?
हां, सिंगल मदर के केस में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र और मां का नाम काफी है. पिता का नाम भरना अनिवार्य नहीं है. हालांकि, सिंगल फादर के केस में आपको लीगल गार्जियनशिप और बच्चे की कस्टडी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स दिखाने पड़ सकते हैं.
क्या आप तत्काल पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं?
जी हां, आप Tatkal स्कीम के तहत भी बच्चे का पासपोर्ट अप्लाई कर सकते हैं. बस ध्यान रखें कि सभी डॉक्यूमेंट्स पूरे होने चाहिए, Annexure और कस्टडी/डेथ/डिवोर्स डॉक्यूमेंट्स क्लियर होने चाहिए. तभी पासपोर्ट ऑफिस तेजी से पासपोर्ट इश्यू करेगा.
अगर आप सिंगल पैरेंट हैं, तो बच्चे का पासपोर्ट बनवाना अब पहले जैसा मुश्किल नहीं रहा. सही डॉक्यूमेंट्स और गाइडलाइंस फॉलो करके आप आसानी से पासपोर्ट ऑफिस की औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं.
यह नियम भारत सरकार द्वारा सिंगल पैरेंट्स को दी गई एक बड़ी राहत है, ताकि बच्चे की पढ़ाई, विदेश यात्रा या भविष्य की ज़रूरतें बिना किसी अड़चन के पूरी हो सकें.