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Shopping: अगर जीएसटी की कटौती के बाद भी हो रही है ओवरचार्जिंग, तो जानें कहां और कैसे करें शिकायत?

जीएसटी दरों में कटौती का लाभ अगर आपको नहीं मिल रहा और दुकानदार एमआरपी से अधिक वसूल रहे हैं, तो शिकायत कैसे करें जानिए.

हाल ही में सरकार ने आवश्यक वस्तुओं और घरेलू सामानों पर जीएसटी दरें कम कीं ताकि उपभोक्ताओं का आर्थिक बोझ हल्का हो. लेकिन कई खरीदारों का कहना है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह, कीमतें अब भी अधिक वसूली जा रही हैं. यह सवाल खड़ा करता है कि क्या टैक्स कटौती का असली फायदा आम जनता तक पहुंच रहा है?

उपभोक्ताओं के कानूनी अधिकार
अगर जीएसटी कटौती के बावजूद आपसे ज़्यादा पैसे वसूले गए हैं, तो आपको लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट और उपभोक्ता अधिकार कानूनों के तहत सुरक्षा प्राप्त है. खुदरा विक्रेता (Retailers) पर कानूनी रूप से यह ज़िम्मेदारी है कि वे सामान केवल एमआरपी (Maximum Retail Price) तक ही बेचें. एमआरपी में जीएसटी सहित सभी टैक्स पहले से शामिल होते हैं.

एमआरपी से अधिक वसूलना न सिर्फ़ गैरकानूनी है, बल्कि इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब और सरकार की टैक्स सुधार नीतियों पर पड़ता है.

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शिकायत दर्ज करना क्यों ज़रूरी है?
अगर कोई एमआरपी से ज्यादा पैसे वसूलता है तो शिकायत करें. शिकायत दर्ज कर आप न केवल अपनी बचत वापस पा सकते हैं, बल्कि दुकानदारों और विक्रेताओं को भी जवाबदेह ठहरा सकते हैं. यह कदम सुनिश्चित करता है कि सरकार की टैक्स छूट का लाभ वाकई जनता तक पहुंचे और सही व्यापारिक प्रथाओं (Fair Trade Practices) को बढ़ावा मिले.

ओवरचार्जिंग की शिकायत कहां और कैसे करें?
सरकार ने उपभोक्ताओं और आपूर्तिकर्ताओं (Suppliers) दोनों के लिए शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया आसान बना दी है. शिकायतें आप नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) और नेशनल कंज़्यूमर हेल्पलाइन (NCH) के माध्यम से कर सकते हैं.

ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया (NAA पोर्टल)

  • स्टेप 1: NAA Complaint Portal पर जाएं.
  • स्टेप 2: अपनी जानकारी से रजिस्टर करें या लॉगिन करें.
  • स्टेप 3: पोर्टल पर दिए गए उपभोक्ता दिशानिर्देश (Guidelines) ध्यान से पढ़ें.
  • स्टेप 4: उत्पाद का विवरण, विक्रेता की जानकारी, वसूली गई कीमत और खरीद का प्रमाण (Bill/Receipt) अपलोड करें.
  • स्टेप 5: शिकायत सबमिट करें. आपको एक रेफरेंस नंबर मिलेगा, जिसकी मदद से आप अपनी शिकायत की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं.

अपने अधिकारों की रक्षा करें
अगर आपको लगता है कि आपसे ज़्यादा पैसे वसूले गए हैं, तो चुप न रहें. समय पर शिकायत दर्ज करने से न केवल आपकी जेब की रक्षा होती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि जीएसटी दरों में की गई कटौती का सही लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे.