
मेरठ की धरती से भारत के लिए घुड़सवारी खेलों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है. रीमाउंट वेटरनरी सेंटर (RVC), मेरठ को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) ने Equine Disease-Free Compartment (EDFC) का दर्जा दे दिया है. इसका मतलब है कि अब भारत में तैयार और प्रशिक्षित घोड़े बिना लंबी क्वारंटीन प्रक्रिया के सीधे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकेंगे.
ये सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी दुनिया में सीधी एंट्री का सुनहरा टिकट है. पहले भारतीय घोड़ों को किसी भी विदेशी देश में प्रतियोगिता से पहले हफ्तों तक क्वारंटीन में रहना पड़ता था, जिससे उनकी फिटनेस और परफॉर्मेंस पर असर पड़ता था. अब यह झंझट खत्म!
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बड़ी छलांग
EDFC की यह मान्यता भारत को उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल करती है, जो विश्व-स्तरीय बायोसेक्योरिटी स्टैंडर्ड फॉलो करते हैं. यह न सिर्फ भारत के खेल जगत के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह हमारे देश में पशु स्वास्थ्य, वेटरनरी साइंस और खेल प्रबंधन में हो रही तरक्की का प्रमाण भी है.
केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने लोकसभा में 12 अगस्त 2025 को लिखित जवाब में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से भारत के अश्व खेलों में एक नया युग शुरू होगा.
क्या है Equine Disease-Free Compartment (EDFC)?
EDFC एक ऐसा विशेष संरक्षित क्षेत्र है, जहां घोड़ों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से पाला, प्रशिक्षित और तैयार किया जाता है. यहां बीमारियों की लगातार निगरानी, कड़े जैव-सुरक्षा उपाय और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किए जाते हैं, ताकि किसी भी तरह का संक्रमण फैलने का खतरा न रहे.
SOPs से चलता है पूरा सिस्टम
RVC, मेरठ में EDFC का संचालन बेहद सख्त Standard Operating Procedures (SOPs) के तहत होता है. इसमें शामिल हैं-
ये SOPs समय-समय पर वैज्ञानिक और कानूनी मानकों के हिसाब से अपडेट किए जाते हैं, ताकि EDFC हर समय सुरक्षित और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए तैयार रहे.
क्यों है ये उपलब्धि खास?
खेल से आगे… अर्थव्यवस्था को भी फायदा
ये उपलब्धि सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय घोड़ों की बिक्री, प्रजनन और प्रशिक्षण सेवाओं का निर्यात बाजार भी खुल सकता है. इससे देश की इकोनॉमी और स्थानीय रोजगार को सीधा फायदा होगा.