scorecardresearch

महिला शक्ति ने रचा इतिहास! तीनों सेनाओं की 11 महिला योद्धाओं का समुद्री मिशन बना मिसाल

भारतीय सेना की तीनों दल जल, थल और वायु से कुल ग्यारह महिला जवान 7 अप्रैल को मुंबई से सेशेल्स के लिए रवाना हुई थीं. तीनों सेनाओं की अधिकारियों ने त्रिवेणी नौकायन से 4000 समुद्री नॉटिकल माइल्स का सफर तय किया.

Women Officers Complete Historic Voyage Women Officers Complete Historic Voyage
हाइलाइट्स
  • 4000 नॉटिकल माइल्स का समंदर पार किया

  • IASV त्रिवेणी पर सवार होकर महिला अफसरों ने दिखाया अदम्य साहस

ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद पूरी दुनिया भारत की महिला शक्ति का गुणगान कर रहा है. इसी कड़ी में फिर एक बार भारत की महिला जवानों के कसीदे सुर्खियों में हैं. जी हां भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ग्यारह महिला अधिकारियों ने मिलकर एक ऐसा इतिहास रचा है, जो आने वाले वर्षों तक याद रखा जायेगा. इन ग्यारह महिला योद्धाओं ने मुंबई से रवाना होकर सेशल्स और फिर वापस मुंबई तक का कामयाब समुद्री सफर तय कर लिया है. ये समुद्री सफर एक खास जहाज़ IASV Triveni द्वारा किया गया हैं जिसे पूरा करने में करीब 55 दिन लगे हैं.

भारतीय सेना की तीनों दल जल, थल और वायु से कुल ग्यारह महिला जवान 7 अप्रैल को मुंबई से सेशेल्स के लिए रवाना हुई थीं. तीनों सेनाओं की अधिकारियों ने त्रिवेणी नौकायन से 4000 समुद्री नॉटिकल माइल्स का सफर तय किया.

मुंबई के मार्वे स्थित आर्मी एडवेंचर नोडल सेंटर फॉर ब्लू वॉटर सेलिंग में इन अफसरों को नेविगेशन, सीमैनशिप, मौसम विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून और आपातकालीन हालात से निपटने जैसी हर जरूरी तकनीक की ट्रेनिंग दी गई ताकि ये समुद्र के हर चैलेंज का डटकर मुकाबला कर सकें. इस साहसिक यात्रा के दौरान IASV Triveni ने हिंद महासागर के बीच बसे सेशल्स में पड़ाव डाला जहां भारतीय नौसेना के जहाज INS Sunayna ने महिला दल का गर्मजोशी से स्वागत किया.

सम्बंधित ख़बरें

ये मुलाकात केवल एक सैन्य औपचारिकता नहीं थी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़ती रणनीतिक मौजूदगी, सैन्य सहयोग और दोस्ती का भी एक स्पष्ट संदेश रही. अफसरों का मानना है कि त्रिवेणी नाम की ये जहाज सिर्फ एक नाव नहीं है, बल्कि ये तीनों सेनाओं का संगम है. ये जहाज साबित करती है कि जब तीनों सेनाएं एक साथ कदम से कदम मिलाती हैं, तो देश की इस ताकत के सामने कोई नहीं टिक सकता और जब महिलाएं ऐसे मिशन की अगुवाई करती हैं तो उसका मुकाबला कोई दुश्मन नहीं कर सकता. आपको बता दें कि IASV Triveni की ये ऐतिहासिक यात्रा मई के आखिर तक मुंबई लौटी है. 
 

-धर्मेंद्र दुबे की रिपोर्ट