भारतीय सेना की ताकत और बढ़ने जा रही है. जी हां, सेना जल्द जेटपैक सूट खरीदने जा रही है. 'रोबो खच्चर' भी खरीदने का प्लान है. इतना ही नहीं सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों का प्रयोग करते हुए 130 नए-पुराने ड्रोन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है.
सैनिक 10 से 15 मीटर हवा में उड़ सकेंगे
जेटपैक सूट जैसा नाम से ही पता चलता है कि यह ऐसा सूट है जिसे पहनकर इंसान जेट बन जाता है. इस सूट की बाजार में कीमत तीन से चार करोड़ रुपए बताई जाती है. हालांकि सेना ने यह नहीं बताया है कि वह किस रेट पर सूट खरीदेगी. गैस टरबाइन इंजन से चलने वाले इस सूट को पहनकर सैनिक 10 से 15 मीटर हवा में उड़ सकेंगे.
किसी भी मौसम में यह सूट काम करेगा
जेटपैक सूट के माध्यम से फौरन भारतीय जवान उड़कर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दे सकेंगे. इस सूट का वजन 40 किलोग्राम तक होगा. इसमें सिस्टम कुछ इस तरह से होता है कि जवान जब चाहे उड़ सकते हैं और लैंड कर सकते हैं. जेटपैक सूट पहनकर 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जवान हवा में उड़ सकते हैं, वह भी आठ मिनट तक. किसी भी मौसम में यह सूट काम करता रहेगा.
जेटपैक सूट खरीदने के लिए आरएफपी जारी
इंडियन आर्मी ने जेटपैक सूट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दिया है. सेना 48 जेटपैक सूट खरीदने जा रही है. सेना ने साफ कहा है कि इसे भारतीय वेंडर के जरिए खरीदा जाएगा. जेट पैक सूट एक ऐसा उपकरण है जो पहनने वाले को हवा के माध्यम से आगे बढ़ाता है. डिवाइस उपयोगकर्ता को उड़ान भरने के लिए प्रेरित करने के लिए गैस या तरल का उपयोग करता है. इस तरह के सूट में पांच गैस टर्बाइन जेट इंजन लगे होते हैं जो करीब 1000 हॉर्सपावर की ऊर्जा पैदा करते हैं. यह सूट जेट फ्यूल, डीजल या केरोसिन से भी चल सकता है. यूजर अपने हाथों के मूवमेंट से जेटपैक को दिशा दे सकते हैं.
रोबो खच्चर
सेना अब रोबो खच्चर भी खरीदने का प्लान बना रही है.100 रोबो खच्चर की खरीद की जाएगी. इसका इस्तेमाल सेना की रसद आपूर्ति एवं दूसरी चीजों को लाने-ले जाने के लिए किया जाएगा. यह रोबोट जानवर की तरह चार पैरों वाला होगा. इसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई एक मीटर होगी. इस मशीनी खच्चर का वजन 60 किलो तक होगा. इसे 4000 मीटर की ऊंचाई में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
टेथर्ड ड्रोन सिस्टम
अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन खरीद शक्ति का इस्तेमाल कर टेथर्ड ड्रोन को 'स्वदेशी' श्रेणी के तहत खरीदा जा रहा है. इसके लिए निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 14 फरवरी है. टेथर्ड ड्रोन सिस्टम में ऐसे ड्रोन होते हैं जो ग्राउंड-बेस्ड टीथर स्टेशन से जुड़े होते हैं और लंबे समय तक दृष्टि लक्ष्य की रेखा से परे निगरानी प्रदान कर सकते हैं. इन ड्रोन्स को अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने या खुफिया जानकारी की पुष्टि करने के लिए एक निश्चित अवधि के लिए अनएथर्ड मोड में भी लॉन्च किया जा सकता है. सेना ने सहायक उपकरणों के साथ 100 रोबोटिक म्यूल की खरीद प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इसके लिए निविदा जमा करने की आखिरी तारीख छह फरवरी है.