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भारतीय सेना रखेगी लद्दाख में चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर, इजराइल से भारत आए Heron Drones

न्यूज एजेंसी एएनआई को सरकारी सूत्रों ने बताया, “इजरायल से हेरॉन ड्रोन (Heron Drone) देश में आ गए हैं और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में निगरानी के लिए इन्हें तैनात किया जा रहा है.” हालांकि ये डील सितंबर में हुई थी लेकिन कोविड-19 के कारण हुई देरी की वजह से इजरायल ने ये ड्रोन अब भेजे हैं.

Heron Drones Heron Drones
हाइलाइट्स
  • भारतीय रक्षा बल ये पहल चीन के साथ चल रहे आपसी संघर्ष के चलते कर रही है

  • इमरजेंसी फाइनेंशियल पॉवर के तहत खरीदे गए हैं ड्रोन

  • ये डील सितंबर में हुई थी लेकिन कोविड-19 के कारण हुई देरी की वजह से इजरायल ने ये ड्रोन अब भेजे हैं.

भारतीय सेना अब और भी ज्यादा ताकतवर होने वाली है. लद्दाख क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत ने इजराइल से हेरॉन ड्रोन खरीदें हैं. हालांकि ये डील सितंबर में हुई थी लेकिन कोविड-19 के कारण हुई देरी की वजह से इजरायल ने ये ड्रोन अब भेजे हैं.  

मंगलवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को सरकारी सूत्रों ने बताया, “इजरायल से हेरॉन ड्रोन (Heron Drone) देश में आ गए हैं और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में निगरानी के लिए इन्हें तैनात किया जा रहा है.” सरकारी सूत्रों ने आगे कहा कि इन ड्रोन को शुरू कर दिया गया है. अभी वाले हेरॉन ड्रोन की तुलना में ये नए ड्रोन बेहतर हैं और इनकी एंटी-जैमिंग क्षमता भी दूसरों की तुलना में काफी अधिक है. 

इमरजेंसी फाइनेंशियल पॉवर के तहत खरीदे गए हैं ड्रोन 

गौरतलब है कि इजरायल के साथ ये डील इमरजेंसी फाइनेंशियल पॉवर (Emergency Financial Power) के तहत की गयी है. इस पावर के मुताबिक, चीन के साथ चल रहे सीमा-संघर्ष (Border Dispute) में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए देश 500 करोड़ रुपये तक के उपकरण खरीद सकता है. सूत्रों ने बताया कि अभी भारतीय कंपनियों से और भी छोटे-बड़े ड्रोन खरीदें जा रहे हैं.  

2019 में की गयी थी ऐसी ही डील 

दरअसल, भारतीय रक्षा बल ये पहल चीन के साथ चल रहे आपसी संघर्ष के चलते कर रही है. इससे पहले इस तरह की डील 2019 में पाकिस्तान में आतंकवादी कैंप पर बालाकोट हवाई हमले के ठीक बाद की गयी थी. इसका इस्तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना ने दो प्रिडेटर ड्रोन लीज पर लिए थे, ये ड्रोन अमेरिकी फर्म जनरल एटॉमिक्स (America Firm General Atomics) से लिए गए थे.

आपको बता दें, आने वाले समय में भारतीय सेना कुछ और प्रोजेक्ट्स पर साइन करने वाली है. अगर इन प्रोजेक्ट्स को अप्रूवल मिलता है, तो देश अपनी लड़ाकू क्षमताओं में सुधार के लिए नए उपकरण खरीद सकता है.