
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर योजना के तहत देश के तमाम वर्गों में विकास हुआ है. इसी भारतीय नौसेना को एक विध्वंसक जहाज मिलने जा रहा है. आईएनएस विशाखापत्तनम नाम के इस जहाज का जलावतरण 18 नवंबर को किए जाने की तैयारी है. ये जहाज अपने वर्ग P15B का पहला विध्वंसक जहाज है. इतना ही नहीं ये भारतीय नौसेना का दूसरा स्वदेशी जहाज है. भारतीय नौसेना को इस जहाज का इंतजार कई दिनों से था, जो कि अब जल्द पूरा होने जा रहा है. दरअसल, चीन अब दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना को मैदान में उतार रहा है और अपने दो मौजूदा विमानवाहक पोतों को जोड़ने के लिए दो और विमान वाहक का निर्माण कर रहा है. ऐसे में भारतीय नौसेना को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार स्वदेशी निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम मिला है.
नौसेना डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया जहाज
इन जहाजों को भारतीय नौसेना के नई दिल्ली स्थित नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है. प्रत्येक जहाज 163 मीटर लंबाई और 17.4 मीटर बीम पर फैला है और 7,300 टन विस्थापित करता है. इन जहाजों को 30 समुद्री मील से अधिक गति प्राप्त करने के लिए चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित किया जाएगा. विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना के लिए पहला P15B विध्वंसक है.
क्या है इस जहाज की खूबियां?
भारतीय नौसेना के अनुसार, P15B विध्वंसक बेहतर उत्तरजीविता, समुद्री रखरखाव और गतिशीलता के लिए नई डिजाइन के कांसेप्ट पर बना है. पतवार को आकार देने और रडार पारदर्शी डेक फिटिंग के उपयोग के माध्यम से उन्नत स्टील्थ सुविधाओं को प्राप्त किया गया है. जिससे इन जहाजों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है. पुल क्षेत्र के आसपास का डिज़ाइन पूर्ववर्ती कोलकाता-श्रेणी की तुलना में मुख्य डिज़ाइन परिवर्तन प्रतीत होता है. P15B जहाज दो बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों को ले जाने और संचालित करने के लिए सुसज्जित होंगे. विशाखापत्तनम-वर्ग में अपने पहले कोलकाता वर्ग (प्रोजेक्ट 15A) की तरह ही सेंसर और हथियार प्रणालियां मौजूद है. प्रोजेक्ट 15A की तरह, प्रोजेक्ट 15B 32x बराक 8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (VLS कोशिकाओं से लॉन्च) के साथ-साथ 16 ब्रह्मोस एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइलों से सुसज्जित होगा.
आने वाले हैं तीन और विध्वंसक जहाज
जनवरी 2011 में एक अनुबंध के तहत मझगांव डॉक्स में बनाए जा रहे चार 7,400 टन स्टील्थ डिस्ट्रॉयर में से पहला, तीन साल से अधिक की देरी के बाद गुरुवार को नौसेना को दिया गया था. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि एक अधिकारी ने बताया कि, नवंबर में चालू होने वाले इस जहाज का नाम आईएनएस विशाखापत्तनम रखा जाएगा. अन्य तीन विध्वंसक, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत भी जल्द ही नौसेना को उपलब्ध कराए जाअंगे. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और इजरायल की नई पीढ़ी के बराक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों सहित हथियारों और सेंसर की एक सरणी के साथ चार युद्धपोतों की कुल लागत 35,000 करोड़ रुपये से अधिक है.