

तकनीक और काबिलियत के दम पर भारत अब सुरक्षा में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. हिंदुस्तान में बन रहे हथियार, एयरक्राफ्ट कैरियर, फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर और मिसाइलों की ताकत पर दुनिया के तमाम देशों को पूरा भरोसा है. जल थल और नभ में भारत के इस शौर्य का लोहा पूरी दुनिया मानती है.
सरकारी आंकड़ों में दावा- 334 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
भारत से निर्यात होने वाले हथियारों और रक्षा उपकरणों के आंकड़े इस भरोसे की गवाही दे रहे हैं. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों मे दावा किया गया है कि पिछले पांच साल में रक्षा निर्यात में 334 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. भारत अब 75 से ज्यादा देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है. यानी रक्षा निर्यात महज पांच साल में ही तीन गुना से भी ज्यादा हो गया. इस भरोसे की वजह वो काबिलियत है, जिसके दम पर भारत ने स्वदेशी तकनीक से एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत को तैयार कर लिया. करीब 20 हजार करोड़ की लागत से तैयार आईएनएस विक्रांत का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत में ही बना है. विक्रांत का निर्माण करके भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो चुका है, जो अपने दम पर एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की काबिलियत रखते हैं. नेवी चीफ ने तो यहां तक दावा किया है कि 2047 तक भारतीय नौसेना पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगी.
पिछले कुछ बरसों में भारतीय सेना आत्मनिर्भर बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ी है. समुद्र में आईएनएस विक्रांत देश की ताकत का प्रमाण दे रहा है तो आसामन में तेजस फाइटर जेट्स भारत के हवाई ताकत का अहसास करा रहा है.
बता दें कि भारत में बना तेजस किसी भी मामले में दुनिया के दूसरे ताकतवर फाइटर जेट्स से कम नहीं है. आवाज से भी तेज़ रफ्तार से चलने वाला तेजस हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिसाइल दागने की क्षमता रखता है. वैज्ञानिकों ने इसे इतनी कुशलता से डिजाइन किया है कि इसे किसी भी देशी या विदेशी मिसाइल से लैस किया जा सकता है.
फाइटर जेट्स के साथ ही भारत हेलिकॉप्टरों का भी एक ताकतवर बेड़ा तैयार कर रहा है. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने दुश्मन को हर मोर्चे पर परास्त करने के लिए लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर यानी एलसीएच का निर्माण किया है. भारत में बने एलसीएच किसी भी मामले में अपाचे हेलिकॉप्टर से कम नहीं है.
इसके साथ ही भारत में बने पृथ्वी, अग्नि, और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें देश की सामरिक ताकत का प्रमाण दे रही हैं. स्वदेशी तकनीक से घातक हथियार तैयार करके भारत ने पूरी दुनिया में अपनी कालिबियत साबित कर दी है. यही वजह है कि दुनिया के तमाम देश अब हथियार खरीदने के लिए हिंदुस्तान से हाथ मिलाना चाहते हैं. उम्मीद की जा रही है कि 'मेक इन इंडिया' के दम पर ही भारत, आने वाले वक्त में रक्षा निर्यात में पूरी दुनिया में अपना परचम लहराएगा.
भारत के पास हथियारों और उपकरणों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार है, जिन्हें निर्यात किया जा सकता है. पूरी दुनिया में इन हथियारों की डिमांड बहुत ज्यादा है. इनमें ऐसी घातक मिसाइलें शामिल हैं, जो अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगाती हैं. इनमें फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं.
'मेक इन इंडिया' के तहत बने कुछ ताकतवर हथियार
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं.
लाइट क़ॉम्बैट हेलिकॉप्टर एलसीएच आसमान के ताकतवर योद्धा हैं.
भारत से निर्यात होने वाले हथियारों में ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल शामिल है. इसकी रेंज 290 किलोमीटर है.
धनुष तोप 38 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकता है.
पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर की रेंज 40 किलोमीटर है. ये दुश्मन पर एक साथ 12 रॉकेट दाग सकता है.
K9 वज्र तोप किसी भी मौसम में दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकती है.
हेवी वेट टॉरपीडो समंदर में दुश्मनों के युद्धपोत को तबाह कर सकती है.