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International Widows Day 2022: आज है अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस, इन स्कीमों से मिल रही है विधवाओं को मदद

दुनिया भर के कई में विधवाओं की स्थिति भयावह है. ऐसे में भारत सरकार ने महिलाओं के लिए कई तरह की स्कीम चला रखी है, जिसकी मदद से महिलाएं आसानी से अपना जीवन यापन कर सकती हैें.

International Widow Day 2022 International Widow Day 2022
हाइलाइट्स
  • 2005 में पहली बार मनाया गया था अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस

  • विधवाओं की स्थिति सुधारने का है उद्देश्य

विधवाओं का जीवन हमेशा से काफी मुश्किल रहा है. कई विकासशील और अल्पविकसित देशों में विधवाओं को बहिष्कृत माना जाता है. कई देशों में उन्हें ऋण या अन्य आर्थिक संसाधनों तक पहुंच भी नहीं दी जाती है. कई जगहों पर विधवाओं को अजीबो-गरीब प्रथा का पालन करना पड़ता है. जैसे अफ्रीका के कुछ देशों में विधवाओं को वह पानी पिलाया जाता है जिसमें उनके पति की लाश को धोया गया था. कुछ जगहों पर पति की मौत के बाद महिलाओं को घर से निकाल दिया जाता है. कई मामलों में महिलाओं शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न झेल रही होती हैं. नतीजतन, न तो उन्हें सही पोषण मिल पाता है और ना ही रहने को जगह, यहां तक की उनके बच्चों को इन चीजों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी स्कूली शिक्षा भी नहीं हो पाती है. 

2005 में पहली बार मनाया गया था अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस
महिलाओं की इसी स्थिति को देखकर यूनाइटेड किंगडम में स्थित एक गैर सरकारी संगठन लूंबा फाउंडेशन ने 2005 में अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widows Day) मनाना शुरू किया. 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की तारीख के रूप में चुना गया था, क्योंकि लूंबा फाउंडेशन के संस्थापक लॉर्ड राजिंदर पॉल लूंबा के पिता की इसी तारीख को मृत्यु हो गई थी. उनकी माँ इसी दिन विधवा हुई थीं. बाद में, दिसंबर 2010 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के रूप में घोषित कर दिया. 

विधवाओं की स्थिति सुधारने का है उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, दुनिया में करीब 258 मिलियन विधवाएं हैं. वास्तव में, अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में, जैसे कि कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, यह बताया गया है कि लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं विधवा है. विशेषज्ञों का कहना है कि COVID-19 महामारी के कारण उनकी संख्या में काफी वृद्धि हुई है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों में कहा गया है कि इन विधवाओं में, हर 10 में से लगभग एक व्यक्ति अत्यधिक गरीबी में रहती है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, International Widows Day, "कई देशों में लाखों विधवाओं और उनके आश्रितों द्वारा सामना की जाने वाली गरीबी और अन्याय को दूर करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन, विधवाओं को काम, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए जाते हैं और नीतियां बनाई जाती हैं. सरकारें विधवाओं के अधिकारों की रक्षा करने और समाज से उनके प्रति पूर्वाग्रहों को दूर करने का भी संकल्प लेती हैं.

भारत सरकार इन स्कीमों से कर रही विधवाओं की मदद
हालांकि भारत में स्थिति काफी सुधरी है, यहां तक की सरकार भी विधवाओं के लिए बहुत से कदम उठाती है. भारत सरकार विधवाओं के लिए कई तरह की स्कीम चला रही है, चलिए आज अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के मौके पर आपको उन स्कीमों के बारे में बताते हैं.

1. विधवाओं के लिए घर: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में विधवाओं के लिए 1000 महिलाओं की क्षमता वाला एक घर बनाया गया है, जहां पर महिलाएं रह सकती हैं, ये उनके लिए एक सुरक्षित स्थान है, जहां उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं, पौष्टिक भोजन, कानूनी और परामर्श सेवाएं मिलेंगी.

2. स्वाधार गृह योजना: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने स्वाधार गृह योजना को लागू किया है. ये उन महिलाओं के लिए स्थापित किया गया है, जिन महिलाओं ने अपने जीवन में काफी विषम परिस्थितियों का सामना किया है. इस योजना का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को सम्मान देना है, जिससे वो दृढ़ विश्वास के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें.

3. महिला शक्ति केंद्र योजना: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की महिला शक्ति केंद्र योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से सशक्त बनाना और एक ऐसा वातावरण बनाना है जिसमें वे अपनी पूरी क्षमता का एहसास करें.

4. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS): ग्रामीण विकास मंत्रालय की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) के तहत विधवाओं के लिए पेंशन योजना के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे के बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना संचालित की जाती है.

5. राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (NFBS): ग्रामीण विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (NFBS) के तहत अगर परिवार में कमाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके परिवार को 20,000 रुपए की सहायता दी जाती है.

6. अन्नपूर्णा योजना: ग्रामीण विकास मंत्रालय की अन्नपूर्णा योजना के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) के तहत छूटे हुए पात्र वृद्ध व्यक्तियों और विधवाओं को दस किलो अनाज दिया जाता है.

7. नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय आय सृजन गतिविधियों को शुरू करने के लिए अनुसूचित जातियों, एकल महिलाओं / विधवाओं का समर्थन करने के लिए नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना लागू करता है.

8. पूर्व सैनिकों की विधवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए सहायता: रक्षा मंत्रालय पूर्व सैनिकों की विधवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण, गैर-पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं की गंभीर बीमारियों के उपचार और बेटी की शादी/विधवा पुनर्विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है.