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International Yoga Day 2025: क्यों हर साल 21 जून को ही मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस... क्या है इस साल की थीम... जानें इतिहास से लेकर महत्व तक 

International Yoga Day: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. भारत ने योग को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है. आइए जानते हैं कि योग दिवस मनाने की कैसे हुई शुरुआत, इस साल की थीम क्या है और योग करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं? 

International Yoga Day (File Photo-PTI) International Yoga Day (File Photo-PTI)
हाइलाइट्स
  • 21 जून 2015 को पहली बार मनाया गया था अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

  • पीएम मोदी इस साल विशाखापट्टनम में करेंगे योग

योग करने से सेहत को काफी लाभ मिलता है. इसको नियमित रूप से करने से कई बीमारियां पास तक नहीं फटकती हैं. सभी लोगों को इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. भारत ने पूरी दुनिया को योग का महत्व बताया है.

लोगों को योग के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जाता है. इस दिन भारत सहित पूरी दुनिया में लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं. आइए जानते हैं आखिर हर साल 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है, कब से इसकी शुरुआत हुई और इस साल योग की थीम क्या है? 

क्या है योग
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द युज से हुई है. युज का अर्थ जुड़ना होता है. योगाचार्यों के अनुसार योग शब्द के दो अर्थ हैं. पहला जोड़ और दूसरा समाधि. योग सिर्फ व्यायाम नहीं है, बल्कि विज्ञान आधारित शारीरिक क्रिया भी है. इसमें मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का एक-दूसरे से मिलन होता है. इसके जरिए मनुष्य प्रकृति से भी जुड़ता है.

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आध्यात्म के अनुसार योग के कई प्रकार हैं जैसे ज्ञानयोग, भक्तियोग, धर्मयोग, कर्मयोग, हठयोग, कुंडलिनी योग और राजयोग. पतंजलि ने राज योग पर जोर दिया है. राजयोग को हम आष्टांग योग के नाम से भी जानते हैं. आष्टांग योग अर्थात योग के आठ अंग. यह आठ अंग हैं यम,नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि.

योग दिवस का क्या है इतिहास 
योग दिवस मनाने की शुरुआत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हुई. नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री बनते ही योग को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने की पहल की. पीएम मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा.

इस प्रस्ताव को अमेरिका, इंग्लैंड, चीन सहित कई देशों ने समर्थन दिया. इसके बाद इसी साल 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की. पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया. इसमें दुनियाभर के लाखों लोगों ने हिस्सा लिया. 

क्यों 21 जून को ही मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
हर साल 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. आखिर क्यों 21 जून को ही योग दिवस मनाने के लिए चुना गया, आइए जानते हैं. योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह साल का सबसे लंबा दिन होता है.

उत्तरी गोलार्ध में ये दिन सबसे लंबा दिन होता है. इस दिन के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है. 21 जून को गर्मी का संक्रांति दिवस भी कहा जाता है. योग और अध्यात्म के लिए इस दिन को खास माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून 2025 को विशाखापट्टनम में होने वाले खास आयोजन का हिस्सा लेंगे. आरके यानी रामकृष्ण बीच पर एक खास प्रोग्राम में पीएम मोदी शिरकत करेंगे और यहां पर योग करेंगे. 

क्या है इस साल योग दिवस की थीम 
साल 2025 में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. आपको मालूम हो कि हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक खास विषय पर आधारित होता है. इस साल योग दिवस 2025 की थीम Yoga for One Earth, One Health यानी एक पृथ्वी और एक स्वास्थ्य के लिए योग है . इस थीम का उद्देश्य व्यक्तिगत और वैश्विक स्वास्थ्य के बीच संबंध को उजागर करना है. इसके साथ ही पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास में योग की भूमिका को इंगित करना भी है.

 योग करने के लाभ
1. योग करने से शारीर लचीला होता है और ताकत आती है. 
2. योग करने से तनाव और चिंता कम करने में मदद मिलती है.
3. योग शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करके नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है. 
4. योग करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है. 
5. योग करने पाचन क्रिया ठीक रहती है. गैस, कब्ज से छुटकारा मिलता है.
6. योग करके आप अपने शरीर का वजन कम कर सकते हैं.  
7. योग करने से पीठ दर्द और अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है. 
8. योग शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने का काम करता है. 
9. योग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होत है.