
रोजमर्रा की ज़िंदगी में स्ट्रॉ का इस्तेमाल एक आम बात हो गई है. किसी भी जूस के टेट्रा पैक के साथ स्ट्रॉ पहले से लगा हुआ आता. नारियल पानी पियो तो वह नारियल में स्ट्रॉ डाल कर देता है. कुछ लोगों को ऐसा लग सकता है कि यह काफी हाइजिनिक तरीका है. इससे बाहर की चीज़ उनके मुंह तक नहीं लगती और केवल अंदर का पेय जल/जूस की उनके मुंह में जाता है.
उन लोगों के बता दें कि स्ट्रॉ से किसी भी चीज़ को पीने से आपके नॉर्मल ड्रिकिंग पैटर्न में काफी बदलाव आता है. ऐसा करने में महसूस नहीं होता होगा. लेकिन यह तरीका आपके मुंह की पांसपेशियों को कमजोर भी कर सकता है. लेकिन यह आपके मुंह की मांसपेशियों को कैसे कमजोर करता है, साथ ही कैसे पैटर्न में बदलाव आता है, चलिए आपको वह बताते हैं.
कैसे होता है स्ट्रॉ का इस्तेमाल?
जब भी आप स्ट्रॉ से किसी चीज़ को पीने की कोशिश करते हैं, तो अपने गालों को अंदर की और खींचतें है. जिससे मुंह ने अंदर दबाव पैदा होता और गाल की मासपेशियों पर दबाव पड़ता है. इसके अलावा स्ट्रॉ के इस्तेमाल से ड्रिंकिंग के आम पैटर्न में बदलाव होता है. जिस तरह से आप ग्लास से पीते है और स्ट्रॉ से पीते हैं, दोनों में काफी बदलाव होता है.
साथ ही बार डायरेक्ट स्ट्रॉ से किसी चीज़ को सक करने पर वह चीज़ सीधे आपके मुंह की जगह गले में जा सकती है. जिससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. कई बार होता है कि डायरेक्ट सक करने पर सीने में दर्द भी महसूस होता है. यह स्ट्रॉ के इस्तेमाल के दौरान होता है.
क्या है नॉर्मल ड्रिंकिंग पैटर्न?
नॉर्मल तरीके से किसी चीज़ को ड्रिंक करने पर आप उसे गालों से जोर से खींचते नहीं है. बल्कि आप होंठों से उस चीज़ को मुंह में लेते उसके बाद आराम से उसे फूड पाइप के जरिए गुजारते हैं. इस दौरान आपके गालों पर कोई प्रेशर नहीं बनता. जिसके कारण किसी मांसपेशी को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता.
स्ट्रॉ से सेफली कैसे पिएं?
अगर आप स्ट्रॉ से पीना चाहते है, तो स्ट्रॉ से ड्रिंक को केवल मुंह तक लेकर जाएं. उसके बाद स्ट्रॉ को होठों से हटा दें. इसके बाद नॉर्मल तरीके से ड्रिंक को फूड पाइप के जरिए अंदर लें. ऐसा करने से आपका नॉर्मल ड्रिंकिंग पैटर्न काफी हद तक बरकरार रहेगा.