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कोरोना मरीजों की मदद को सामने आया इस्कॉन मंदिर, हर दिन 6,000 लोगों तक पहुंचा रहा है खाना

दिल्ली में लगातार कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं और ऐसे में होम आइसोलेशन में इन मरीजों तक पौष्टिक आहार का पहुंचना जरूरी है. इसलिए इस मेगा किचन में बड़े-बड़े बर्तनों में खाना बनाया जाता है. इस्कॉन मंदिर द्वारका के अर्चित दास कहते हैं, “हम कोशिश करते है कि हर जरूरतमंद तक खाना पहुंचे. कोविड के मरीज उनके परिजन होम आइसोलेशन में हैं, ऐसे हालात में हमारी ये सेवा हज़ारों लोगों को फायदा दे रही है”.

इस्कॉन मंदिर के सेवादार इस्कॉन मंदिर के सेवादार
हाइलाइट्स
  • आइसोलेशन में मरीजों तक पौष्टिक आहार पहुंचना जरूरी

  • 6,000 से ज्यादा पैकेट पैक करने में लग जाते हैं 2 से 3 घंटे

  • हालात खराब होने पर पहली लहर की तरह इस बार भी बनाएगा योजना 

कहते हैं बुरे वक्त में जो साथ दे वो सबसे खास, अच्छा और अपना होता है. द्वारका के इस्कॉन मंदिर ने ऐसा ही एक नायाब उदाहरण पेश किया है. दिल्ली में कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में कोरोना मरीज जो होम आइसोलेशन में है, उनको और उनके परिवार को मदद की जरूरत है. इसके लिए दिल्ली के द्वारका में स्थित  इस्कॉन मंदिर आगे आया है यहां कोरोना मरीजों के लिए हर रोज करीब 6,000 से ज्यादा खाने के पैकेट सुबह-शाम भेजे जा रहे हैं.

आइसोलेशन में मरीजों तक पौष्टिक आहार पहुंचना जरूरी

यह खाना एक मेगा किचन में बनाया जाता है. दिल्ली में लगातार कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं और ऐसे में होम आइसोलेशन में इन मरीजों तक पौष्टिक आहार का पहुंचना जरूरी है. इसलिए इस मेगा किचन में बड़े-बड़े बर्तनों में खाना बनाया जाता है. इस्कॉन मंदिर द्वारका के अर्चित दास कहते हैं, “हम कोशिश करते है कि हर जरूरतमंद तक खाना पहुंचे. कोविड के मरीज उनके परिजन होम आइसोलेशन में हैं, ऐसे हालात में हमारी ये सेवा हज़ारों लोगों को फायदा दे रही है”. 

6,000 से ज्यादा पैकेट पैक करने में लग जाते हैं 2 से 3 घंटे

मेगा किचन में खाना बनाने के बाद पैकिंग की तैयारी होती है, क्योंकि हज़ारो लोगो खाना बनाने के बाद उसको पैक करना बहुत भारी काम होता है. मंदिर के सेवादार खाने को पैक करते हैं. करीब 6,000 से ज्यादा पैकेट को पैक करने में 2 से 3 घंटे लग जाते हैं. वहीं लगातार कोविड के केस बढ़ने से पैकेट की सख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है. इन खाने के पैकेटों को छोटे ट्रक के जरिये दिल्ली एनसीआर में पहुंचाया जाता है.

हालात खराब होने पर पहली लहर की तरह इस बार भी बनाएगा योजना 

भविष्य में अगर कोविड केस बढ़ते है और हालात या स्थिति खराब होती है तो ऐसी परिस्थिति में इस्कॉन मंदिर की तरफ से कोविड अस्पताल भी बनाने की योजना है जो इन्होंने कोरोना की पहली लहर में भी तैयार किया था. अगर आपात स्थिति आती है तो इस्कॉन मंदिर कोरोना के मरीजों और उनके परिवार वालों के लिए प्रतिदिन 50 हज़ार से ज्यादा खाने के पैकेट तैयार कर सकते हैं.