Tea pot (Representative Image) 
 Tea pot (Representative Image) जमशेदपुर के ला गेवाटिया टी कैफे में जमशेदपुर ही नहीं झारखंड और भारत का पहला टी पॉट म्यूजियम बनाया गया है. इसमें करीबन 15 देशों से मंगाए गए टी पॉट्स को रखा गया है, जिसमें इण्डिया ,कम्बोडिया ,यूके ,चाइना, जापान,रूस और श्रीलंका के टी पॉट शामिल हैं. यह पॉट्स 3 इंच से लेकर 4 फीट तक के पॉट हैं, जिसकी कैपसिटी 250 लीटर चाय रखने तक की होती है. इन टी पॉट्स को मांगने का मकसद सिर्फ इतना है की भारत के लोग चाय के काफी प्रेमी होते हैं. इस पॉट को जमा कर आने वाली पीढ़ी के लिए एक मार्ग दर्शन का काम करेगी. यह देश का पहला टी पॉट मयूजियम होगा.
15 देशों के टी पॉट बढ़ाते हैं कैफे की शोभा
जमशेदपुर शहर के लोगों को चाय काफी पसंद है. कहा जाता है की यह शहर तीन P पर निर्भर करता है.  इसका कारण यह है की शहर के चारों तरफ कंपनी हैं. इस लिए P का मतलब यहां चाय-पकौड़ी और पूगा होता है. लोग यहां चाय पीना अधिक पसंद करते करते हैं इसलिए बिस्टुपुर के सर्किट हॉउस इलाके में एक चाय की दुकान है जिसका नाम ला गेवाटिया टी कैफे है. यहां 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की चाय मिलती है. इस टी कैफे में देश का पहला टी पॉट म्यूजियम बनाया गया है जहां करीबन 15 देशों के टीपॉट को ला कर रखा गया है ताकि लोग देखकर समझ सकें कि दूसरे देश के लोग किस बर्तन में चाय पीते हैं. इनके पास भारत का टी सीट है जोकि करीबन 100 साल पुराना है. यह ब्रश मेटल का बना है और आज तक सुरक्षित है.
डीफ एंड डंब बच्चे चलाते हैं कैफे
टी कैफे के मालिक अविनाश दुग्गल कहते हैं, हमने डीफ एंड डंब बच्चों के साथ मिलकर इस कैफे की शुरुआत की. यहां लोग चाय पीने आते हैं. हमारे पास करीबन 15 देशों के टी पॉट हैं और यह झारखंड ही नहीं बल्कि देश का पहला टी पॉट म्यूजियम है, जहां इतने सारे टी पॉट देखने को मिल जाएंगे. कैफे में भारत के कश्मीर का बना कहवा बनाने वाला टी पॉट है तो कम्बोडिया का बना 250 लीटर का टी पॉट भी है. 
(जमशेदपुर से अनूप सिन्हा की रिपोर्ट)