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Inspiration: संघर्ष से सफलता तक...मिड-डे मील वर्कर का बेटा बना वायु सेना में लेफ्टिनेंट

हरदीप जब मात्र दो साल के थे, तभी एक हादसे में उनके पिता का निधन हो गया. घर की जिम्मेदारियां उनकी माता संतोष पर आ गईं, जो सरकारी स्कूल में मिड-डे मील बनाने का काम करती थीं और महीने के मात्र 800 में परिवार चलाती थीं.

मिड-डे मील बनाने वाली का लड़का बना वायु सेना में लेफ्टिनेंट मिड-डे मील बनाने वाली का लड़का बना वायु सेना में लेफ्टिनेंट
हाइलाइट्स
  • अग्निपथ योजना से छूटी नौकरी तो कड़ी मेहनत से वायु सेना में बना लेफ्टिडेंट

  • जींद का लड़का वायु सेना में बना लेफ्टिनेंट

हरियाणा के जींद जिले के अलीपुरा गांव के 22 साल के हरदीप सिंह ने कड़ी मेहनत के दम पर वायु सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर अपने परिवार और पूरे गांव का नाम रोशन किया है. हरदीप की कहानी आपको प्रेरणा से भर देगी.

कम उम्र में पिता की मौत, परिवार पर बढ़ा बोझ
हरदीप जब मात्र दो साल के थे, तभी एक हादसे में उनके पिता का निधन हो गया. घर की जिम्मेदारियां उनकी माता संतोष पर आ गईं, जो सरकारी स्कूल में मिड-डे मील बनाने का काम करती थीं और महीने के मात्र 800 में परिवार चलाती थीं. छोटे पैसों और सीमित संसाधनों के बावजूद, संतोष ने अपने बच्चों की पढ़ाई और भविष्य के लिए कभी हार नहीं मानी.

अग्निपथ योजना ने छीन ली एयरमैन की नौकरी
हरदीप ने पहले भारतीय वायु सेना में एयरमैन के पद के लिए चयन पास किया था. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अग्निवीर योजना लागू किए जाने के बाद उनकी नौकरी छूट गई. यह हरदीप के लिए पहली बड़ी निराशा थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

नौंवे प्रयास में मिली सफलता
हरदीप ने लगातार प्रयास जारी रखा. सालों की मेहनत और लगन के बाद उन्होंने जीडीएस परीक्षा पास की. इसके बाद उन्हें भारतीय वायु सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित किया गया. अखिल भारतीय मेरिट सूची में हरदीप ने 54वां स्थान हासिल किया और 2024 में इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA), देहरादून से उत्तीर्ण होकर सिख लाइट इन्फैंट्री में कमीशन हुए हैं.

परिवार और गांव में खुशी का माहौल
हरदीप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में पूरी की. इसके बाद इग्नू यूनिवर्सिटी से बीए की डिस्टेंस शिक्षा पूरी की. हरदीप का चयन सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व का पल है. उनका कहना है कि उनकी सफलता परिवार की मेहनत और सपोर्ट के बिना संभव नहीं थी. आज हरदीप न केवल अपने परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि हरियाणा के युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं.

--सुनील कुमार की रिपोर्ट