Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार से दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं. इस दौरे की शुरुआत शनिवार से राजकोट से होगी और रविवार को वह चोटिला में कपास किसानों की एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे.
इस दौरे को केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम मानना गलत होगा, क्योंकि केजरीवाल खुद कपास किसानों के मुद्दे को लेकर मैदान में उतरे हैं. 'आप' के लिए यह यात्रा क्या मायने रखती है, आइए समझते हैं.
गुजरात दौरे पर क्यों गए केजरीवाल?
हाल ही में केंद्र सरकार ने कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है, जिससे विदेशी कपास सस्ती होकर भारतीय बाजार में आएगी और इसका सीधा नुकसान गुजरात जैसे राज्यों के कपास किसानों को होगा. अरविंद केजरीवाल इस फैसले के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं. दिल्ली में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह मुद्दा उठाया था और अब गुजरात में आकर किसानों के बीच खड़े होकर यह संदेश दे रहे हैं कि वे सिर्फ सरकारों को घेरने नहीं, किसानों के हक की लड़ाई लड़ने आए हैं.
गुजरात में क्या मायने रखता है केजरीवाल का दौरा?
केजरीवाल का यह कदम गुजरात के किसानों को यह भरोसा देता है कि उनकी आवाज दिल्ली तक पहुंच रही है. जब एक बड़ा राष्ट्रीय नेता खुद आकर उनकी बात सुने, तो किसानों को लगता है कि कोई तो है जो उनके दर्द को समझता है. वह दर्शाना चाहते हैं कि यह वही भावना है जो आम आदमी पार्टी की राजनीति को बाकी दलों से अलग बनाती है. यानी ज़मीनी मुद्दों पर सीधी बात करने और समाधान निकालने की नीयत.
चोटिला की रैली में केजरीवाल न केवल कपास किसानों की बात रखेंगे बल्कि आने वाले समय में राज्य की राजनीतिक दिशा भी तय करने की कोशिश करेंगे. यह दौरा इस बात का संकेत भी है कि आम आदमी पार्टी गुजरात में किसान, व्यापारी और युवा तबकों को जोड़कर मजबूत विकल्प बनने की तैयारी में जुटी हुई है. गुजरात की धरती पर जब कोई नेता किसानों के हक में आवाज़ उठाता है, तो वह वह भरोसे की एक नई नींव रखता है.
अरविंद केजरीवाल का यह दौरा किसानों के बीच एक उम्मीद की तरह देखा जा रहा है. केजरीवाल यह दिखाना चाहता है कि अब उनकी बात अनसुनी नहीं जाएगी. यह एक शुरुआत है, किसान की बात किसान के खेत तक पहुंचाने की, और बदलाव की राजनीति को गांव-गांव तक ले जाने की.