कुछ लोग अपने परोपकारों की वजह से मरने के बाद भी अमर हो जाते हैं. ऐसे लोगों के न होते हुए भी उनकी अच्छाई इस दुनिया में हमेशा मौजूद रहती है. किलिकोल्लूर के एक परिवार ने ऐसी ही मिसाल पेश की है. केरल के किलिकोल्लूर के एस विनोद, बुधवार को राज्य में सबसे अधिक अंग दान करने वाले व्यक्ति बन गए. यह पहला मौका है जब राज्य में किसी ब्रेन डेड व्यक्ति के आठ अंग निकाले गए हैं. विनोद के इन अंगों से सात लोगों को जीवनदान मिला. यह तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमसीएच) में की जाने वाली पहली बहु-अंग पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया भी थी.
दिल, किडनी, आंखों के साथ दोनों हाथ भी किए डोनेट
विनोद का दिल चेन्नई के एमजीएम अस्पताल, एक किडनी केआईएमएस अस्पताल और दूसरी किडनी एमसीएच तिरुवनंतपुरम को दिया गया. इसके अलावा कोच्चि के अमृता आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) को कंधे सहित दोनों हाथ दिए गए और तिरुवनंतपुरम में क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान में इनकी आंखें (कॉर्निया) दान की गईं. इसने तिरुवनंतपुरम एमसीएच को 100वीं किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को पूरा करने में भी मदद की.
बेटी गीथु कैंसर की मरीज
किलिकोल्लूर के थोडियिल के 54 वर्षीय विनोद को 2 दिसंबर को कोल्लम के कल्लुमथाज़म के पास एक निजी बस से टकराने के बाद सिर में चोट लग गई थी. मंगलवार को तिरुवनंतपुरम एमसीएच में उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. कोविड के प्रसार के बाद खाड़ी देश में शेफ के रूप में अपनी नौकरी गंवाने वाले विनोद के परिवार में पत्नी सुजाता और बेटियां गीथू और नीतू हैं. किराए के घर में रहने वाले विनोद के परिवारवाले डॉक्टरों के समझाने के बाद विनोद के अंग दान करने के लिए तैयार हो गए. बता दें, विनोद की बेटी गीथु कैंसर की मरीज है और उसका इलाज एमसीएच में चल रहा है.