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Deaf And Dumb Family: नहीं सुन सकते एक-दूसरे की बात, न ही बोल सकते कोई अल्फाज़... लेकिन अपने तरीके से ज़िंदगी जी रहा यह परिवार

हिसार में 4 सदस्यों का एक ऐसा परिवरा रहता है जिसमें हर कोई मूक बधिर है. लेकिन इसके बावजूद भी वह खुशी खुशी रहते है. अपनी परेशानी को मिलझुल कर दूर करते हैं. साथ ही एक दूसरे से बात करने के लिए वीडियो कॉल का सहारा लेते हैं.

हरियाणा के हिसार जिले में एक ऐसा चार सदस्यों का परिवार है, जिसमें हर कोई जन्मजात मूक बधिर है. इस परिवार की जिंदगी इशारों पर चलती है. आधुनिकता की इस दौड़ में मोबाइल फोन के जरिए चारो वीडियो कॉलिंग से एक-दूसरे से बात कर लेते हैं. एक ऐसे परिवार की कहानी जो दिल को छू जाती है और मन में कुछ सोचने को मजबूर कर देती है. 

कौन-कौन है परिवार में
इस परिवार में विजय अरोड़ा, उनकी पत्नी कुसुम, बेटी जानहवी व बेटा सरल है. दोनो बच्चे पढ़ाई कर रहे है. परिवार के लोग अपना जीवन खुशी खुशी जी रहे है. परिवार में खुशिया भरपूर है एक दूसरे का साथ से जिंदगी का हर गम खुशियों बदल लेते है चारों के चेहरे पर हमेशा खुशिया झलकती है. 

हर कोई सलाम करता है
हिसार के पटेल नगर की के परिवार की कहानी को हर कोई सलाम करता है. इंसान सोचता है कि कभी ऐसे भी जीवन जिया जा सकता है. यह चार सदस्यों का परिवार इशारों में बाते करते हैं. ऐसे में कोई गम नही है सभी लोग खुशियों के बीच परिवार के रहते है. यह परिवार इंडिया व हरियाणा में मिसाल बन गया है. पूरे परिवार के सदस्य बोल व सुन नही सकते है ये लोग अपनी दिक्कतों का हल खुद निकाल लेते हैं.

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अपने आप से खुद हल निकाला
हिसार के मूक बधिर परिवार के लोगों ने अपने आप को समझने व समझाने के लिए खुद ही अपनी समस्या का हल निकाल लिया है. घर की डोरबेल से हर कमरे का बल्ब के जोड़ रखा है. जब कोई बाहर से आता है डोरबेल बजाता है तो घर की लाइट जल जाती है. जलती लाइट को देखकर इन्हें पता चल जाता है घर से बाहर कोई मेहमान आया है.

दोनों बच्चे यूटूब चैनल चलाते है-सरल एंड जाह्नवी
हिसार पटेल नगर के रहने वाले परिवार के दोनो बच्चे अपना यूट्यूब चैनल चलाते है सरल एंड जाह्नवी के नाम के नाम स यूटूब चैनल चलाते है. जाह्नवी बड़ी होकर मूक बधिर लोगों के टीवी एंकर बनना चाहते है सरल स्कूल में अच्छे दौड़ने वाले खिलाड़ी है दोनो अनाज मंडी स्कूल में मूक बधिर स्कूल में पढ़ाई करते हैं. दोनों अपना अच्छा करियर बनाना चाहते है दोनो बच्चो को पेंटिंग और शतरंज का खेलने का शोक है.

बेटी जाह्नवी को मिला राष्ट्रपति अवार्ड
जान्हवी को कहानी लेखन में राष्ट्रपति से पुरस्कार मिल चुका है. उसे ISLRTC दिल्ली के फैस सांकेतिक भाषा कहानी लेखन में देश का पहला स्थान मिला था और पिछले साल (2024) अव्वल दिव्यांग के बालिका का राष्ट्रपति से अवार्ड मिल चुका है. 2023 में शतरंज की नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में चैंपियनशिप जीत चुकी है.

-प्रवीण कुमार की रिपोर्ट