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मध्यप्रदेश पुलिस को और सशक्त बनाने के लिए सरकार लाएगी सार्वजनिक सुरक्षा कानून

ड्राफ्ट तैयार करने में शामिल एक अधिकारी ने कहा,“निजी प्रतिष्ठान को स्थानीय नगर निगमों और नगर पालिकाओं से सार्वजनिक सुरक्षा का लाइसेंस लेना होगा. प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों के आने-जाने वाले प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा. लाइसेंस तभी दिया जाएगा जब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है."

Security Camera (Source: Unsplash) Security Camera (Source: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • सशक्त होगी पुलिस

  • आगामी बजट सत्र में एक कानून पेश करेगी मध्यप्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश सरकार राज्य विधानसभा के आगामी बजट सत्र में एक कानून पेश करेगी, जो किसी भी निजी प्रतिष्ठान के लिए हर दिन 100 या अधिक लोगों द्वारा दौरा किया जाने वाला लाइसेंस अनिवार्य बनाता है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह निर्धारित सुरक्षा मानदंडों का पालन कर रहा है या नहीं.सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक के मसौदे के अनुसार, विजिटर्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी ऐसे कॉमर्शियल, औद्योगिक, धार्मिक, चिकित्सा और शैक्षणिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधन की होगी. यह बिल पुलिस को किसी भी समय ऐसे प्रतिष्ठानों में प्रवेश करने का अधिकार देता है ताकि पुलिस जाकर यह निरीक्षण कर सके कि सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जा रहा है या नहीं.

लेना होगा लाइसेंस
ड्राफ्ट तैयार करने में शामिल एक अधिकारी ने कहा,“निजी प्रतिष्ठान को स्थानीय नगर निगमों और नगर पालिकाओं से सार्वजनिक सुरक्षा का लाइसेंस लेना होगा. प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों के आने-जाने वाले प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा. लाइसेंस तभी दिया जाएगा जब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है.”बिल कई सुरक्षा उपायों को सूचीबद्ध करता है जिनका पालन करने की आवश्यकता है.

क्या-क्या चीजें होंगी इंस्टाल
इसके अनुसार प्रतिष्ठान को हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे स्थापित करने होंगे. इसे 30 दिनों के लिए क्लोज-सर्किट टेलीविजन निगरानी कैमरों की रिकॉर्डिंग रखनी होगी. यह बिल पुलिस को ऐसे प्रतिष्ठानों में अपराध के मामले में सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने की ताकत भी देता है.

उल्लंघन करने पर देना होगा जुर्माना
अधिकारी ने बताया कि एमपी पुलिस किसी भी समय प्रतिष्ठान का निरीक्षण कर सकती है और किसी मामले की जांच के लिए रिकॉर्डिंग मांग सकती है. इस बिल के तहत, प्रतिष्ठान वीडियो फुटेज साझा करने से इनकार नहीं कर सकता. बिल में सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन और लाइसेंस प्राप्त करने में विफल रहने पर जुर्माने का भी प्रावधान होगा. हालांकि अभी जुर्माने की राशि तय नहीं है इस पर काम किया जा रहा है. 

ऐसा कानून लाने वाला दूसरा राज्य बनेगा एमपी
राज्य विधानसभा का बजट सत्र अगले महीने शुरू होगा. मप्र गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजोरा ने कहा कि एक बार कानून बनने के बाद मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश के बाद ऐसा कानून बनाने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा. आंध्र प्रदेश सार्वजनिक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन अधिनियम अगस्त 2013 में लागू हुआ और इसमें सीसीटीवी कैमरे लगाने और लाइसेंस प्राप्त करने सहित नियमों का पालन न करने पर 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. पिछले साल भोपाल पुलिस ने निजी अस्पतालों, पेट्रोल पंपों और मॉल में लगे सीसीटीवी से रिकॉर्डेड फुटेज प्राप्त करने के लिए एक ऐप लॉन्च किया था. हालांकि, पुलिस को अभी इस ऐप की सफलता का आकलन करना बाकी है.