
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे की मांग को फडणवीस सरकार ने मान ली है. फडणवीस सरकार ने 8 में से 5 मांगों को मान लिया है. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हमेशा से सियासत में काफी अहम रहा है. आज कई जातियां खुद को ओबीसी में शामिल करने की मांग उठाती रहती हैं. हालांकि इसका आधार इतिहास, परंपरा या संख्या बल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंडल कमीशन के हिसाब से बैकवर्ड जातियों में कौन शामिल हो सकता है? मंडल कमीशन ने बहुत डिटेल्ड सोशल-एजुकेशनल-इकोनॉमिक प्वाइंट्स बताए हैं. जिसके आधार पर जातियों को ओबीसी में शामिल किया गया था.
मंडल कमीशन का क्राइटेरिया-
मंडल कमीशन ने ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए 11 क्राइटेरिया तय किए थे. जिसके लिए कुल 22 नंबर दिए गए थे. इसमें से जिन जातियों ने 50 फीसदी अंक यानी 11 नंबर हासिल किए. उनको ओबीसी आरक्षण दिया गया था.
कमीशन ने जाति/वर्ग को पिछड़ा घोषित करने के लिए 3 क्राइटेरिया तय किए थे. इसमें सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक क्राइटेरिया शामिल थे. इसमें सोशल क्राइटेरिया में 4 प्वाइंट, एजुकेशनल क्राइटेरिया में 3 प्वाइंट और इकोनॉमिक क्राइटेरिया में 4 प्वाइंट दिए गए थे.
सोशल क्राइटेरिया के 4 प्वाइंट-
मंडल कमीशन ने ओबीसी आरक्षण पाने के लिए जो सोशल क्राइटेरिया तय किया था, उसमें 4 प्वाइंट थे. चलिए उनके बारे में बताते हैं.
एजुकेशनल क्राइटेरिया-
मंडल कमीशन ने ओबीसी आरक्षण पाने के लिए एजुकेशन क्राइटेरिया भी तय किया था. इसमें 3 प्वाइंट थे. चलिए उनके बारे में बताते हैं.
इकोनॉमिक क्राइटेरिया-
मंडल कमीशन ने ओबीसी आरक्षण के लिए इकोनॉमिक क्राइटेरिया भी तय किया था. इसमें 4 प्वाइंट थे. चलिए उनके बारे में बताते हैं.
किस क्राइटेरिया के लिए कितने नंबर?
मंडल कमीशन ने हर क्राइटेरिया के लिए अलग-अलग नंबर तय किए थे. इसमें हर सोशल इंडिकेटर के लिए 3 नंबर तय किए गए थे. जबकि हर एजुकेशनल इंडिकेटर के लिए 2 नंबर और हर इकोनॉमिक इंडिकेटर के लिए एक नंबर तय किए गए थे.
इस तरह से सोशल क्राइटेरिया के 12 नंबर, एजुकेशनल क्राइटेरिया के लिए 6 नंबर और इकोनॉमिक क्राइटेरिया के लिए 4 नंबर तय किए गए थे.
किन जातियों को मिला आरक्षण?
मंडल कमीशन के मुताबिक ओबीसी आरक्षण के लिए कुल 22 नंबर का क्राइटेरिया तय किया गया था. जिस जाति या वर्ग ने 50 फीसदी अंक यानी 11 नंबर हासिल किए. उनको पिछड़ा घोषित किया गया.
मंडल कमीशन के मुताबिक अगर कोई जाति एकुजेशनल और इकोनॉमिक क्राइटेरिया के सारे अंक हासिल कर लेती है, लेकिन सोशल क्राइटेरिया से कोई अंक नहीं मिलता है तो उसे पिछड़ा घोषित नहीं किया जाएगा.
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