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कांच की शीशी में समाई दुनिया, किसान ने छोटी-छोटी बोतलों में बनाई खूबसूरत मूर्तियां

राममोहन रघुवंशी जो पेशे से किसान हैं और लगातार 9 सालों से कांच की शीशी में दुनियाभर की अनोखी चीजो को बना रहे हैं. उन्होंने कांच की शीशियों में छोटे-छोटे तार के औजार तैयार कर मूर्तियां बनाईं. 

बोतलों में बनाई मूर्तियां बोतलों में बनाई मूर्तियां
हाइलाइट्स
  • किसान ने कांच की शीशियों में छोटे-छोटे तार के औजार तैयार कर मूर्तियां बनाईं. 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ती को शीशी में बनाकर उन्हें भेट करेंगे.

साइंस और टेक्नोलॉजी की तरक्की के साथ अब दुनिया में ऐसे बहुत से काम संभव है जो कभी असंभव लगते थे. ऐसे में अगर कोई आपसे सवाल करे कि क्या एक हाथी को फ्रिज में बंद किया जा सकता है? हां यह हो सकता है. कलाकार अब अनाज पर आर्ट बना लेते है तो एक छोटी सी पत्ती पर किसी की पूरी प्रतिमा उकेर देते हैं. यहां तक कि चावल पर गणेश मूर्ति बनाई जा सकती है और चोपाई लिखी जा सकती है, ऐसे में हाथी भी फ्रिज में बंद हो सकता है. इसी जिज्ञासा को लेकर एक 45 साल के किसान ने कांच की शीशियों में दुनिया का प्रतिबिंब बना दिया. उन्होंने कांच की शीशी में पूरी दुनिया बना दी. 

9 सालों से ये शख्स प्रत्येक गणेश चतुर्थी पर कांच की शीशियों में मूर्ती बनाकर भगवान गणेश की आराधना करता है. इसी क्रम में ये शख्स इस बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ति भी कांच की शीशी में बनाकर उन्हें भेंट करेंगे. अपने बालहठ के चलते किया उन्होंने ये अनोखा कारनामा किया और पूरी दुनिया को शीशी में कैद किया. मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के उदयपुरा निवासी राममोहन रघुवंशी जो पेशे से किसान हैं और लगातार 9 सालों से कांच की शीशी में दुनियाभर की अनोखी चीजो को बना रहे हैं. राम मोहन रघुवंशी किसान के साथ-साथ एक होनहार मूर्तीकार भी हैं. एक बार उनके दिमाग में ये बात घर कर गई कि हाथी को फ्रिज में बंद किया जा सकता है क्या? हां यह हो सकता है. चावल पर मूर्ति बनाई जा सकती है और चौपाई लिखी जा सकती है तो हाथी भी फ्रिज में बंद हो सकता है. इसी जिज्ञासा को लेकर 45 साल के इस किसान ने कांच की शीशियों में छोटे-छोटे तार के औजार तैयार कर मूर्तियां बनाईं. 

बोतलों में बनाई मूर्तियां
बोतलों में बनाई मूर्तियां

कांच की शीशियों में छोटे-छोटे तार के औजार तैयार कर मूर्तियां बनाईं

इसके लिए उन्होंने कबाड़खाने से शीशियां खरीदीं और ठोस थर्माकोल के सहारे शीशियों को बिना काटे भगवान गणेश, हनुमान, लक्ष्मी, दुर्गा, शंकर और कृष्ण भगवान की मूर्ति बनाई. इतना ही नहीं राममोहन रघुवंशी ने शेषनाग के फन पर धरती की मूर्ती बनाई. साथ ही विश्व धरोहर कुतुब मीनार, ताजमहल, लालकिला, अशोक स्तंभ को भी शीशी में कैद कर दिया. ये मूर्तियां देखने में काफी सुंदर लगती हैं. इनका साज शृंगार किया गया है. आधे फीट से लेकर डेढ़ फीट  लंबी और दो से तीन इंच चौड़ी शीशियों में ये सब बनाया गया है. राममोहन रघुवंशी खेती किसानी का काम खत्म कर रात को मूर्ती बनाते हैं. एक मूर्ति बनाने में तीन से पांच दिन लगते हैं. 

बोतलों में बनाई मूर्तियां
बोतलों में बनाई मूर्तियां

पीएम मोदी को करेंगे भेंट 

राममोहन रघुवंशी सिर्फ देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं बनाते. इसके अलावा उन्होंने लाल किला, कुतुबमीनार , भोपाल के बिड़ला मंदिर, धरती माता के मंदिर और ताजमहल जैसी नायाब कलाकृतियों को कांच की शीशियों में उतारा है. इस कलाकार की कलाकारी देखकर लोग दातो तले उंगलिया दबा लेते हैं. साथ ही राममोहन रघुवंशी ने इच्छा जाहिर की है कि वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ति को शीशी में बनाकर उन्हें भेट करेंगे. 

(रिपोर्ट-राजेश रजक रायसेन)