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तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की दिशा में मोदी सरकार का पहला कदम, कानून वापसी प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर

सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है. मोदी कैबिनेट ने कानून वापसी बिल को मंजूरी दे दी है. अब बिल संसद में पेश किया जाएगा.

प्रतिकात्मक तस्वीर प्रतिकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • कृषि कानून वापसी की दिशा में पहला कदम

  • मोदी कैबिनेट से कानून वापसी प्रस्ताव को मंजूरी

किसानों के लिए मोदी कैबिनेटhttps://www.gnttv.com/india/story/explainer-why-did-pm-modi-fail-explain-benefits-three-farm-laws-farmers-know-real-reason-316595-2021-11-23 से गुड न्यूज़ आई है. तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की दिशा में सरकार ने पहला कदम बढ़ा दिया है. कैबिनेट ने कानून वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र में बिल पेश किया जाएगा और कानून वापसी को अमलीजामा पहनाया जाएगा. उम्मीद है कि कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए सरकार इस पर छोटी चर्चा का प्रस्ताव पेश कर सकती है.

कानून वापसी की प्रकिया
कानून वापसी के लिए वही प्रकिया अपनाई जाती है, जो कानून बनाने के लिए होती है. जिस तरह से कानून बनाने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित होना जरूरी होता है, उसी तरह से कानून वापसी के लिए भी बिल पास कराना होता है. दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून रद्द हो जाता है.

आपको बता दें कि किसानों की नाराजगी को देखते हुए पीएम मोदी ने 19 नवंबर को कानून वापस लेने का ऐलान किया था और किसानों से धरना खत्म करके घर लौटने की अपील की थी.

मोदी कैब‍िनेट की मीटिंग में ये अन्य फैसले भी ल‍िए गए: 

  • कैबिनेट ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति कारोबार के निजीकरण को मंजूरी दी 
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को और चार महीने (दिसंबर 2021-मार्च 2022) तक विस्तार देने को मंजूरी दी. पांचवें चरण में खाद्यान्न पर अनुमानित रूप से 53, 344.52 करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी दी जायेगी.
  • कैबिनेट द्वारा “वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान-मॉडलिंग प्रेक्षण प्रणाली एवं सेवाओं (एक्रॉस)” की समग्र योजना को 14वें वित्त आयोग से लेकर अगले वित्त आयोग के चक्र (2021-2026) तक जारी रखने की मंजूरी. इसके लिए 2,135 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी.
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम को अगले पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दी. इसके तहत प्रशिक्षुकों को 3,054 करोड़ रुपये की स्टाइपेन्ड सहायता प्रदान की जाएगी.
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अम्ब्रेला योजना "महासागर सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी (ओ-स्मार्ट)" को जारी रखने की मंजूरी दी. इस योजना पर 2,177 करोड़ रुपए का खर्च होगा.
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