
एक समय था जब बेटियों को बेटों से कम आंका जाता था, समय के साथ बेटियों ने ये साबित किया कि उन्हें बस मौका मिलना चाहिए, फिर वे दिखा देंगी कि किसी से कम नहीं हैं. जी हां, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है महाराष्ट्र के बीड जिले में रहने वाले एक गरीब गन्ना किसान की तीन बेटियों ने, जिनकी इस समय खूब चर्चा हो रही है. किसान मारुती जाधव की तीनों बेटियां महाराष्ट्र पुलिस बल में अधिकारी के तौर पर शामिल हुईं हैं. जिसके चलते उन्हें पूरे इलाके से बधाइयां मिल रही हैं. बेटियों की सफलता पर मारुती जाधव बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि बेटियों ने पूरे जिले का नाम रोशन किया है.
आर्थिक स्थित सही नहीं होने के बावजूद बच्चों को दिलाई शिक्षा
परली तालुक स्थित सेलू टांडा गांव के मारुति जाधव ने शुरुआत में गन्ना मजदूर के रूप में काम किया. कुछ वर्षों के बाद उन्होंने गन्ना काटने का काम करना शुरू कर दिया. गांव में उनके पास न जमीन है, न संपत्ति. मारुति जाधव की पांच बेटियां और दो बेटे हैं. परिवार बड़ा होने के कारण मेहनत-मजदूरी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने पर भी उन्होंने अपने सभी बच्चों को शिक्षा दिलाई. मारुति की पत्नी ने अपना मंगलसूत्र गिरवी रखकर बेटी को पढ़ाई के लिए भेजा.
मां-बाप के सपनों को किया साकार
जाधव दंपती ने सभी बच्चों को शिक्षा दिलाने पर ध्यान दिया. माता-पिता की मेहनत देख बेटियों ने भी पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया. मारुति जाधव की बड़ी बेटी सोनाली का कोरोना काल के दौरान पुलिस भर्ती में चयन हो गया. वहीं दूसरी बेटी शक्ति और तीसरी लक्ष्मी का हाल ही में हुई पुलिस भर्ती में चयन हुआ है. तीनों बहनें पिछले चार साल से पुलिस भर्ती के लिए कड़ी प्रैक्टिस कर रही थीं. तीनों ने अपने मा-बाप के सपनों को साकार कर दिया.
पूरे गांव में उत्साह का माहौल
परली में यह पहली बार है कि एक ही परिवार की तीन सगी बहनें पुलिस बल में शामिल हुई हैं. इस तरह से सोनाली, शक्ति और लक्ष्मी ने अन्य लड़कियों को भी प्रेरित करने का काम किया है. पूरे गांव में मारुति जाधव की बेटियों की सफलात से उत्साह का माहौल है. हर तरफ से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं.
(रिपोर्ट- रोहिदास हातागले)