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मुंबई अग्निशमन विभाग में दो महिलाओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी, 10 सालों से कर रही हैं देश की सेवा

देश की महिलाएं अब देश की सुरक्षा में भी पीछे नहीं हैं. पुलिस हो, भारतीय सेना हो या अग्निशामक दल हो हर जगह महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं. मुंबई अग्निशमन विभाग में दो महिलाओं को पहली बार स्टेशन ऑफिसर बनाया गया है

देश की सुरक्षा में भी पीछे नहीं हैं महिलाएं देश की सुरक्षा में भी पीछे नहीं हैं महिलाएं
हाइलाइट्स
  • देश की सुरक्षा में भी पीछे नहीं हैं महिलाएं

भारत को आजाद हुए इस 15 अगस्त को 75 साल पूरे हो जाएंगे. इन 75 सालों में भारत में बहुत कुछ बदल गया. भारत ने हर क्षेत्र में प्रगति की है, वहीं पिछले कुछ सालों में भारत में एक सबसे बड़ा बदलाव देखा गया है. भारत में पहले से ही पुरुषों का वर्चस्व रहा है लेकिन, अब हालात बदल रहे हैं. पिछले कुछ सालो में लगातार देश की महिला भारत का नाम ऊंचा कर रही हैं. हर क्षेत्र में महिलाएं देश को पहले स्थान पर रख रही हैं. 

देश की महिलाएं अब देश की सुरक्षा में भी पीछे नहीं हैं. पुलिस हो, भारतीय सेना हो या अग्निशामक दल हो हर जगह महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं. मुंबई शहर में भी महिलाओं का काफी योगदान है. ऐसे में मुंबई अग्निशामक दल को पहली दो महिला स्टेशन ऑफिसर मिली हैं. 

2012 से ही अग्निशामक दल में कार्यरत हैं दोनों महिलाएं

सुनीता खोत और शुभांगी भोर पहले सहयाक अधिकारी के पद पर कार्यरत थी और अब उनको स्टेशन ऑफिसर के रूप में प्रमोट किया गया है. दोनों 2012 से ही अग्निशामक दल में कार्यरत हैं. शुभांगी भोर को वडाला दमकल केंद्र का चार्ज दिया गया है तो वहीं, सुनीता खोत को भायखला दमकल केंद्र का. 

शुभांगी भोर पिछले 10 सालों से देश की सेवा में हैं और अग्निशामक दल का हिस्सा हैं. 10 साल पहले उन्होंने भायखला दमकल केंद्र से अपने करियर की शुरुआत की थी. शुभांगी का कहना है की शुरुआत के दिन में उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था क्योंकि एक महिला के लिए अलग-अलग चुनौतियं होती हैं. जब उनकी ट्रेनिंग चल रही थी तब स्टाफ में ज्यादा महिलाएं नहीं थी. 

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