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Namo Drone Didi Scheme: परिवार ने किया मना लेकिन पति ने बढ़ाया हौसला, ड्रोन उड़ाकर कमाई कर रही यह महिला

ड्रोन दीदी गीता ने बताया कि पहले वह एक सेल्फ-हेल्प ग्रुप (स्वयं सहायता समूह) से जुड़ी हुई थीं. वहीं से उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से यह जानकारी मिली कि महिलाओं को ड्रोन पायलट की फ्री ट्रेनिंग दी जा रही है. इस जानकारी ने उन्हें बहुत उत्साहित किया और उन्होंने ट्रेनिंग लेने का मन बना लिया.

Namo Drone Didi Scheme Namo Drone Didi Scheme
हाइलाइट्स
  • नमो ड्रोन दीदी योजना से गीता की बदली जिंदगी

  • मोदी सरकार की योजना से मिली नई उड़ान

ड्रोन दीदी योजना महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रही है. ड्रोन उड़ाने के ट्रेनिंग लेकर ड्रोन दीदी किसानों के खेतों में स्प्रे के जरिए कमाई कर रही हैं. इसके जरिए महिलाओं को प्रदेश और देश में एक अलग पहचान भी मिल रही है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है करनाल के गांव एचला की रहने वाली एक और महिला ड्रोन पायलट गीता ने. नमो ड्रोन दीदी बनने के बाद गीता की जिंदगी अब बदल चुकी है.

ड्रोन पायलट की फ्री ट्रेनिंग
ड्रोन दीदी गीता ने बताया कि पहले वह एक सेल्फ-हेल्प ग्रुप (स्वयं सहायता समूह) से जुड़ी हुई थीं. वहीं से उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से यह जानकारी मिली कि महिलाओं को ड्रोन पायलट की फ्री ट्रेनिंग दी जा रही है. इस जानकारी ने उन्हें बहुत उत्साहित किया और उन्होंने ट्रेनिंग लेने का मन बना लिया.

परिवार ने किया मना, पति ने बढ़ाया हौसला
गीता ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि यह 15 दिन की ट्रेनिंग गुरुग्राम में आयोजित की जाएगी. जब उन्होंने घर में इसके बारे में बात की, तो शुरुआत में परिवार ने उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी. उन्होंने कहा, “मैं एक ग्रामीण क्षेत्र से हूं और गांव की महिलाओं के लिए बाहर जाकर कुछ करना आसान नहीं होता. यह सामाजिक दृष्टि से भी एक बड़ी चुनौती होती है.”

लेकिन फिर उनके पति ने उनका पूरा समर्थन किया, जिससे उन्हें हिम्मत मिली और वह ट्रेनिंग के लिए गुरुग्राम चली गईं. गीता ने बताया कि उनके पास खुद की जमीन भी है और वे खुद खेती-किसानी भी करती हैं. अब वह ड्रोन की मदद से अपनी खेती को और अधिक आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से करने के लिए तैयार हैं.

छोटे बच्चों को छोड़ ट्रेनिंग के लिए निकलीं गीता
ड्रोन दीदी ने बताया जब वह ट्रेनिग लेने के लिए गुरुग्राम गई थी तब उनके बच्चे भी काफी छोटे थे, लेकिन फिर भी में 1 जनवरी 2024 को ड्रोन ट्रेनिंग लेने के लिए गुरुग्राम चली गई थी. उन्होंने बताया मुझे पहले सीता भी ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेकर आई थी. मैंने भी उनसे पूछा क्या वहां ट्रेनिंग लेना ठीक रहेगा उन्होंने भी मेरा हौसला बढ़ाया और ट्रेनिग लेने के लिए कहा जिसके बाद मुझे उनसे भी काफी प्रेरणा मिली. जिसके बाद मैने ट्रेनिंग ली उसके बाद मुझे इफको की और से फ्री में एक ड्रोन, एक गाड़ी भी दी गई.

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अब गांव-गांव जाकर कर रही हैं छिड़काव, किसानों को भी लाभ
महिला ड्रोन पायलट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ से महिलाओं के जीवन में एक सकारात्मक और ऐतिहासिक बदलाव आया है. उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत आभारी हूं कि उन्होंने ऐसी योजना शुरू की, जो हम जैसी ग्रामीण महिलाओं को भी तकनीक से जोड़ती है और आत्मनिर्भर बनाती है. यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. आज मुझे खुद पर गर्व महसूस होता है. मेरा सामाजिक मान-सम्मान भी पहले की तुलना में बहुत बढ़ गया है. पहले मैं सोचती थी कि यह कोई छोटा या मामूली काम है, लेकिन जब मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलने का मौका मिला, तब मेरी सोच पूरी तरह बदल गई.

आज उन्हें लगातार काम मिल रहा है. उन्होंने कहा, “हम अब पास के कई गांवों में किसानों के खेतों में ड्रोन से कीटनाशक और खाद का छिड़काव करने जा रहे हैं. इससे न केवल हमारी आमदनी बढ़ी है, बल्कि किसानों को भी फायदा हो रहा है.”